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बिलासपुरराजनीति

बेलतरा विधानसभा: भाजपा को नए चेहरे की तलाश… इन युवा नेताओं की इर्द-गिर्द घूम रही राजनीति

बिलासपुर-(ताज़ाख़बर36गढ़) बेलतरा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी से टिकट के प्रमुख दावेदारों की दौड़ में पांच लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी इन पांचों में से किसी के ऊपर भरोसा कर चुनावी मैदान में उतार सकती है।

आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बिलासपुर जिले की बेलतरा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी को नए चेहरे की तलाश है। दरअसल, लगातार दो बार चुनाव जीत चुके विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान ने राजनीतिक संन्यास की घोषणा कर दी है। इसके बाद से बेलतरा विधानसभा से दावेदार के रूप में भाजपा नेताओं ने जोर-आज़माइश शुरू कर दी है, जिसके तहत जिले के राजनीतिज्ञों और आम नागरिकों के बीच भाजपा से बेलतरा के चुनाव प्रत्यशियों पर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि बेलतरा विधानसभा से विजयधर दीवान, रजनीश सिंह, प्रवीण दुबे का सबसे ऊपर है। टिकट की दौड़ में युवा नेता सुशांत शुक्ला और बिल्हा जनपद उपाध्यक्ष विक्रम सिंह भी शामिल हैं। इन पांचों में से किसी एक के नाम पर भाजपा भरोसा कर अपनी मुहर लगा सकती है।

बताते चलें कि बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के प्रबल दावेदारों में पहला नाम विधानसभा उपाध्यक्ष बद्रीधर दीवान के पुत्र विजयधर दीवान का है, जो क्षेत्र में 10 वर्षों से विधायक प्रतिनिधि हैं और भाजपा संगठन में जिलामंत्री हैं। बेलतरा विधानसभा क्षेत्रवासी सकारात्मक व नकारात्मक दोनों दृष्टिकोण से विजयधर दीवान द्वारा क्षेत्र में कराए गए कार्यो को भलीभांति जानते हैं, जिसका लाभ विधानसभा चुनाव में मिलने की संभावना है। दूसरे प्रबल दावेदार भारतीय जनता पार्टी के बिलासपुर जिलाध्यक्ष रजनीश सिंह हैं, जिन्होंने अपना राजनीति सफर क्षेत्र के छोटे से गांव पौंसरा से सरपंच चुनाव जीतकर किया था, जिसके बाद उन्हें संगठन में महामंत्री और वर्ष 2015 में बिलासपुर जिले का पार्टी अध्यक्ष बना कर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई। बेलतरा विधानसभा के लिए रजनीश सिंह दूसरा बड़ा चेहरा है, लेकिन भविष्य के गर्भ में क्या है। इसे कौन जानता है। तीसरे प्रबल दावेदार प्रवीण दुबे हैं, जिन्होंने राजनीति में विश्वसनीय रूप से संगठन द्वारा दी गई जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है, जिसकी प्रशंसा देश-प्रदेश के मंत्री-नेता आज भी करते हैं। एससी, एसटी व पिछड़ा वर्ग में घनिष्टता एवं क्षेत्र के ब्राह्मण समाज के बीच अच्छी पकड़ होने का फायदा मिल सकता है। साथ ही चुनावी प्रभारी का दायित्व निभाने से अनुभव का लाभ मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं।

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