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बिलासपुरराजनीति

बिलासपुर नगर निगम चुनाव: वार्ड 27 के मतदाता खामोश…तंग गलियां, जाम नालियां और सीवरेज के मलबे से सब परेशान…प्रत्याशियों की छवि को लेकर मतदाता असमंजस में…जानिए क्या कह रही है जनता…

बिलासपुर (11 दिसंबर 2019)। बिलासपुर नगर निगम चुनाव की सरगर्मियां तेजी से बढ़ती जा रही हैं। पार्षद पद के दावेदारों ने वोट के लिए जनता को लुभाना शुरू कर दिया है। हर उम्मीदवार चुनाव जीतने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। चुनावी लड़ाई भले ही प्रत्याशियों के बीच हो, लेकिन इस चुनावी मुकाबले में सबसे बड़ी भूमिका जनता को निभाना है। उम्मीदवारों को जिताकर सत्ता तक पहुंचाने की चाबी भी जनता के पास ही है। ताजाखबर36गढ़.कॉम अलग-अलग वार्डों की चुनावी तस्वीर ताजा विश्लेषण के साथ आप तक पहुंचा रहा है। इस कड़ी में आज ताजाखबर36गढ़.कॉम की चुनावी टीम पहुंची विनोबा नगर वार्ड नंबर-27 में…

विनोबा नगर वार्ड नंबर-27 का चुनावी परिदृश्य

1. आरक्षण स्थिति- सामान्य (अनारक्षित)
2. मतदाता- 6506
3. चुनाव लड़ने वाले कुल प्रत्याशी- 3 (2 महिलाएं)
4. वर्तमान पार्षद- रविंद्र सिंह
5. सबसे बड़ी समस्या: सीवरेज के लिए सड़कों की खुदाई के कारण बिखरा पड़ा मलबा, जाम नालियां और तंगहाल गलियां

विनोबा नगर पर एक नजर

विनोबा नगर बिलासपुर नगर निगम का वार्ड नंबर-27 है। ज्यादातर जनता अपने निवर्तमान पार्षद मंजीत गोस्वामी के कामों से असंतुष्ट दिखी। हालांकि कई जगह उनकी तारीफें भी सुनने को मिलीं, लेकिन कई लोग मानते हैं कि उनके वार्ड में किया गया विकास नाकाफी है। इस पर और ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए था। विनोबा नगर से इस समय 3 प्रत्याशी नगर निकाय चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें दो महिलाएं (भाजपा से किरण सिंह और जोगी कांग्रेस ललिजा भारद्वाज) भी शामिल हैं। कांग्रेस की ओर से पूर्व पार्षद रविंद्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। सभी प्रत्याशी वार्ड के तेज विकास और जनसुविधाओं के नाम पर जनता से वोट मांग रहे हैं।

गार्डन का मसला

जनता से बातचीत में ताजाखबर36गढ़.कॉम की चुनावी टीम को पता चला कि यहां के निवर्तमान पार्षद गोस्वामी के काम से लोग काफी असंतुष्ट हैं। दरअसल, विनोबा नगर में एक गार्डन है, जो बदहाल है। मूर्तियां टूटी हुई हैं। गंदगी पसरी हुई है। हरियाली गायब है। बच्चों के मनोरंजन के नाम पर कोई चीज नहीं है। जनता चाहती है कि यह गार्डन पहले की तरह हरा-भरा हो, ताकि उन्हें सैर करने के लिए अच्छा वातावरण मिल सके।

संकरी गलियों का मकड़ जाल और वोटरों की उलझन

वार्ड में संकरी गलियों का मकड़ जाल है। जिस तरह से विकास होना चाहिए, वैसा विकास इन गलियों का नहीं हुआ है। नाम के लिए सीसी रोड बनाए गए हैं, जो जगह-जगह से उखड़े हुए हैं। इसके चलते वार्ड की सकारात्मक तस्वीर को बट्टा लग रहा है। जनप्रतिनिधि फिर एक बार वोटों के लिये जनता का मुंह ताक रहे हैं और वार्ड की इन कमियों को जीत के बाद दूर करने के वादे कर रहे हैं। टीम ने वोट को लेकर जब जनता के रुख को जानना चाहा तो उनका रुझान भी वार्ड की संकरी गलियों के मकड़ जाल की तरह उलझा हुआ नजर आया। चुनाव प्रचार के इस शुरूआती चरण में मतदाता अभी अपना साफ रुझान नहीं बना पाए हैं, जबकि सभी प्रत्याशी जीत के दावे कर रहे हैं।

सीवरेज का बिखरा पड़ा मलबा

गायत्री मंदिर से व्यापार विहार रोड जाने वाली सड़क में जब सीवरेज की खुदाई की गई तो उन दिनों का दर्द आज भी लोगों को याद है। जैसे-तैसे कर सीवरेज का काम तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन खुदाई से निकले मलबे सड़क के किनारे में बिखरे पड़े हैं। इसके कारण वार्ड की तस्वीर बदसूरज नजर आ रही है।

नालियां जाम, पब्लिक हलाकान

सीवरेज के मलबे के कारण नालियां जाम पड़ हुई है। बजबजाती नालियों से मच्छर और संक्रमण का खतरा बना हुआ है। कई बाद तो बजबजाती नालियों की गंदगी सड़क पर बहने लगती है, जिसके चलते वहां की पब्लिक परेशान हैं।

जानिए… क्या कहती है जनता

वैसे तो जनता अभी खामोश है और किसी नतीजे पर अब तक नहीं पहुंची है, लेकिन काफी कुरेदने के बाद नाम नहीं छापने की शर्त पर जनता ने बताया कि पिछला और इस बार के चुनाव की तासीर अलग है। भाजपा प्रत्याशी किरण सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह जनता के लिए नए चेहरे तो नहीं है, लेकिन जोगी कांग्रेस की प्रत्याशी ललिता से जरूर अंजान है। जनता के मन टटोलने पर पता चला कि वे प्रत्याशियों की छवि को लेकर असमंजस में हैं। उनका कहना है कि वार्ड में भी अब समाजसेवा, जनसेवा, उदारता केवल चुनाव के वक्त ही दिख रहा है। इस चुनाव में धनबल, बाहुबल का खुलेआम प्रदर्शन हो रहा है। प्रत्याशी देर रात तक डोर टू डोर लोगों से मिलकर आशीर्वाद मांगने आ रहे हैं, जिन्हें आश्वासन दिया जा रहा है।

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