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बिलासपुर: कानन पेंडारी कांड में नया मोड़… अब नायब तहसीलदार के पक्ष में सामने आया छग कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ…कहा- एसडीओ चौरसिया राजस्व अफसरों के खिलाफ कर रहे हैं अनर्गल बयानबाजी…

बिलासपुर। कानन पेंडारी के सामने वन विभाग के एसडीओ विवेक चौरसिया और सकरी के नायब तहसीलदार अभिषेक राठौर के बीच वाहन जांच को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। नायब तहसीलदार के बचाव में अब राजस्व महकमा खड़ा हो गया है। इससे एसडीओ (वन) ने अपने संघ के बैनर तले राजस्व अफसर के खिलाफ मोर्चा खोला था। राजस्व महकमा का कहना है कि एसडीओ (वन) चौरसिया झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने सरकारी कामकाज में बाधा डाली और नियमानुसार कार्रवाई की गई तो अपने विभागीय महकमे को बरगलाकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। इसलिए उन पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्तमान में पंचायत चुनाव के परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू है, जिसके तहत कार्यपालिक दण्डाधिकारी सकरी को सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। अनविभागीय दण्डाधिकारी कोटा ने उन्हें मोटरयान अधिनियम के तहत जांच व कार्रवाई के लिए लिखित रूप से आदेश दिया था। सकरी उप तहसील के कार्यपालिक दण्डाधिकारी राठौर 12 जनवरी को कानन पेंडारी के सामने मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के तहत रूटीन चेकिंग कर रहे थे, तभी उन्होंने वाहन क्रमांक सीजी 10 एए 2991 पर कार्रवाई की। यह कार एसडीओ (वन) चौरसिया की थी। जांच के दौरान चौरसिया ने किसी भी तरह का सहयोग नहीं किया। उल्टे उन्होंने बेवजह विवाद करते हुए शासकीय कार्य में व्यधान डाला। यही वजह है कि कार्यपालिक दण्डाधिकारी को मोटरयान अधिनियम के तहत कार्रवाई करनी पड़ी।

राजस्व महकमे का कहना है कि यह कार्रवाई राजस्व अधिकारी- कर्मचारियों का कोई पूर्वाग्रह नहीं थी , वरन एक शिक्षित व वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते चौरसिया से सर्वाधिक सहयोग की अपेक्षा थी। आरोप लगाया गया है कि चौरसिया ने अपने निजी मामले को अनावश्यक रूप से बढ़ाते हुए पूरे राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर अनावश्क रूप से प्रश्नचिन्ह लगा दिया है और अपने निजी स्वार्थ व अहम् की सिद्धि के लिए उन्होंने पूरे वन विभाग के अधिकारी – कर्मचारियों को बरगलाया। फिर दुष्प्रचार में उन्हें शामिल करते हुए राजस्व महकमे की छवि खराब करने की कोशिश की गई। उनका कहना है कि आज जब हम सभी राजस्व अधिकारी-कर्मचारी ( डिप्टी कलेक्टर , अनुविभागीय अधिकारी राजस्व , तहसीलदार , नायब तहसीलदार , राजस्व निरीक्षक , पटवारी एवं कोटवार ) चुनावी आचार संहिता का पालन करते हुए चुनावी प्रशिक्षण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं, तो चौरसिया के उक्त क्रियाकलाप से हमें अपने कार्य से इतर उनका विरोध व आकोश की स्थिति में आने वे दुष्प्रेरित कर रहे हैं। चौरसिया द्वारा न केवल प्रशासनिक रूप से गलत बयानबाजी की जा रही है, वरन् बार – बार मीडिया में भी पूरे घटनाक्रम को गलत व एकपक्षीय तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। साथ ही उच्च अधिकारियों के समक्ष राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने अनुचित रूप से दबाव बनाया जा रहा है। चौरसिया द्वारा जिस प्रकार अपने संघ का दुरुपयोग कर अपनी गलती छिपाने दुराग्रह से ग्रसित होकर राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई करने दबाव बनाया जा रहा है। यदि इस परिस्थिति में राजस्व अधिकारी- कर्मचारियों पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किसी भी प्रकार की कार्रवाई की जाती है तो इसे चौरसिया के निहित स्वार्थों व अहम् की संतुष्टि मानी जाएगी। चौरसिया द्वारा जिस प्रकार वास्तविक घटना को अनुचित रूप से तोड़ – मरोड़कर राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध दुष्प्रचार किया जा रहा है, उसका राजस्व महकमा विरोध करता है।

सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने बुधवार को सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में चौरसिया द्वारा फैलाई जा रही अफवाह को बताया गया है। इसकी कापी राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव को भी भेजी गई है।

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