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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: ग्राम पंचायतों को और अधिक अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा: सिंहदेव…पंचायत मंत्री ने कहा सामाजिक पद्धतियों को ध्यान में रखकर बनाए व्यवस्था

रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण को पहले से और अधिक व्यापक बनाने का निर्णय हमनें लिया है। अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों को और अधिक अधिकार सम्पन्न बनाया जाएगा, ताकि ग्राम सभा अपने प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन एवं संरक्षण कर सके। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में नये ग्राम पंचायतों के गठन के पूर्व पेसा कानून के नियम बना लिए जाएंगे। पेसा कानून में प्रावधानों के तहत आदिवासी अंचल के रहने वाले लोगों के परंपरागत रीति रिवाज, धार्मिक और सामाजिक पद्धतियों को ध्यान में रखकर व्यवस्था की जाएगी।

सिंहदेव मुख्य अतिथि के आसंदी से आज 22 नवम्बर को राजधानी रायपुर के निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में पेसा राज्यों में ग्राम पंचायत विकास योजना के माध्यम से आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में छत्तीसगढ़ सहित 10 ऐसा राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, झारखण्ड, उडिसा, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और मध्यप्रदेश के 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया। भारत सरकार के पंचायत राज्य मंत्रालय के विशेष सचिव डॉ. बाला प्रसाद, संयुक्त सचिव आलोक प्रेमनागर ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत के विकास के माध्यम से आर्थिक विकास एवं सामाजिक न्याय की स्थापना करना है जिससे समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंच सके।

सिंहदेव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन लाना अधिक महत्वपूर्ण है। लोगों के जीवन में वास्तविक विकास और परिवर्तन हम ला सके, यह अधिक संतोष पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक परिवर्तन के लिए लगातार काम करने की आवश्यकता है। इससे हम समावेशी विकास और सामुदायिक भागीदारी की व्यवस्थाओं को स्थापित कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं को सौंपे गए 29 विषयों पर वर्ष 2020-21 की कार्ययोजना ग्राम पंचायतों द्वारा बनाई जाएगी। 02 अक्टूबर 2019 से 31 दिसम्बर 2019 तक विशेष ग्राम सभा के आयोजन का निर्णय हमनें लिया है। सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी से ग्रामीणों को जोड़कर उनके आर्थिक विकास, पशुधन और जल संसाधनों के पुर्नजीवन का काम शुरू कर दिया गया है। ग्रामीण महिलाओं की आय वृद्धि, युवाओं के लिए कौशल विकास, किसानों की आय वृद्धि से संबंधित योजनाओं की भी रूपरेखा बनाई जाएगी। इस अभियान में हर वर्ग को शामिल किया जाएगा।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास योजना के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ग्राम पंचायत विकास योजना का ग्राम पंचायतों में तत्परता से काम हो रहा है। जिसकी समुचित मॉनिटरिंग भी की जा रही है। अधिनियम 1996 के तहत राज्यों के कुल 27 जिलों में से 19 जिले, 85 जनपद पंचायते 5055 ग्राम पंचायतें आती हैं। बैठक में संचालक ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा के संचालक सुरेन्द्र कुमार जायसवाल सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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