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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव बोले- ट्रायल पूरे होने तक नहीं दी जानी चाहिए ‘कोवाक्सीन…जानें और क्या कहा…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने शनिवार को कहा कि हैदराबाद स्थित ड्रग फर्म भारत बायोटेक की कोरोनावायरस वैक्सीन (coronavirus vaccine) कोवाक्सिन के परिणाम आने से पहले कोविड-19 टीकाकरण शुरू नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन के फेज 3 का ट्रायल अभी पूरा नहीं हुआ है। सिंहदेव ने कहा कि जब ट्रायल के पूरे नतीजे ना आ जाएं तब तक कोवैक्सीन का सामान्य इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

देव ने कहा कि, एक ऑक्सफोर्ड में विकसित वैक्सीन कोविशील्ड है। जिसका ट्रायल वहाँ हुआ है। उसके ट्रायल के सभी आंकड़े मौजूद हैं। यहां सीरम इंस्टीस्च्यूट इसको बना रहा है। दूसरा भारत बायोटेक की देश में ही विकसित कोवाक्सीन है।कोवाक्सिन को परीक्षण के दो चरणों के आधार पर ‘आपातकालीन उपयोग’ के लिए अनुमोदित किया गया है। आपातकालीन इस्तेमाल मिलने की तारीख तक इसके ट्रायल का तीसरा चरण पूरा नहीं हुआ था।

टीएस सिंहदेव ने कहा, कोवाक्सीन को तीसरे ट्रायल में 28 हजार सैंपल लेने थे, लेकिन 23 हजार सैंपल ही लिए जा सके थे। ऐसे में उसके परिणाम संदिग्ध हैं। अगर बिना ट्रायल और सुरक्षा मापदंडों को पूरा किए वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति मिल गई तो दूसरी कंपनियां भी अधूरे ट्रायल के साथ अनुमति लेने आ जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, अभी सामने आया है कि कोवाक्सीन का ट्रायल डोज लेने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इससे वैक्सीन के सुरक्षित होने के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।

सिंहदेव ने कहा, केंद्र सरकार को इस मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। देश में कम से कम 500 से 700 दिन तक वैक्सीनेशन चलना है। ट्रायल के नतीजों के आधार पर फैसला होगा तो लोगों का भरोसा बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि, यह एक वैश्विक महामारी है। केंद्र सरकार को राज्यों की मदद करनी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान मदद करता है। सरकार को आगे आना चाहिए और कहना चाहिए कि वे छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों को मुफ्त टीके प्रदान करेंगे। हम इसे प्रधान मंत्री के साथ बैठक के दौरान उठाएंगे।

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