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बिलासपुर: केंद्र सरकार के खिलाफ, पांच सूत्रीय मांगों को लेकर नेहरू चौक में धरना-प्रदर्शन…गिनती के पहुंचे कांग्रेसी…

बिलासपुर। केंद्र सरकार के खिलाफ पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कांग्रेस का प्रदर्शन फ्लाप शो रहा। नेहरू चौक पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए इतने ही कांग्रेसी जुटे, जिन्हें ऊंगलियों में गिना जा सकता था। ज्यादातर वही चेहरे नजर आए, जो नगरीय निकाय चुनाव की दावेदारी कर रहे हैं।

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने पांच मुद्दों को लेकर प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में 20 जुलाई को धरना-प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। उनके निर्देश पर प्रदेश प्रवक्ता अभयनारायण राय ने सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को इसकी सूचना दी थी और कहा था कि नेहरू चौक में अनिवार्य रूप से उपस्थिति हो। शनिवार सुबह 10 बजे तक नेहरू चौक में टेंट लग गई थी। कुर्सियां सज गई थीं। एक-दो कांग्रेसी भी पहुंचने लगे थे। दोपहर 12 बजे तक धरना स्थल पर बमुश्किल 150 लोग ही जुटे। इनमें नगर विधायक शैलेश पांडेय, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, जिला ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी, देवेंद्र सिंह, ऋषि पांडेय, राकेश शर्मा, रामशरण यादव, विभोर सिंह, बसंत शर्मा, शैलेश पांडेय, बैजनाथ चंद्राकर, राजेश पांडेय,इंग्रीड मैक्लाउड, सियाराम कौशिक आदि शामिल हैं। इनके अलावा नामचिन चेहरे गायब रहे। कार्यकर्ताओं की कम उपस्थिति को देखकर वक्ता भी सकते में आ गए। हालांकि उन्होंने केंद्र सरकार को घेरने की खानापूर्ति की और भाषण के जरिए केंद्र सरकार को जमकर कोसा। एक समय ऐसा आया कि भाषण देने के बाद नेता वहां से चलते बने। करीब एक घंटे बाद वहां पर गिनती के कार्यकर्ता नजर आए। पीछे की कुर्सियां खाली थीं। इस तरह से कांग्रेसियों का यह प्रदर्शन फ्लाप शो रहा।

विधायक शैलेश ने कहा- गरीबों की कमर तोड़ दी है केंद्र सरकार ने

धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए शहर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने दोबारा सत्ता में आते ही गरीबों की कमर तोड़ कर रख दी है। यह सरकार सभी वर्गों के साथ अन्याय कर रही है। धान का समर्थन मूल्य नाम मात्र का बढ़ाया और किसानों की हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है। उन्होंने कहा कि मिट्‌टीतेल के कोटे में कटौती कर केंद्र सरकार ने बता दिया है कि वह गरीबों की हितैषी नहीं है। पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार वृद्धि हो रही है। दाल-भात केन्द्रों के चांवल में कटौती कर गरीबों के साथ अन्याय किया गया है। बढ़ती महंगाई से घर का बजट बिगड़ गया है।

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