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आस्था

बिलासपुर: कोरोना संक्रमण को देखते हुए गणेशोत्सव के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्देश जारी…मूर्ति की उंचाई और पंडाल का आकार भी तय…

बिलासपुर। नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण एवं रोकथाम तथा वर्तमान में जिले में कोरोना पाजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए गणेश उत्सव आयोजन के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्देश जारी किया गया है।

कलेक्टर द्वारा जारी निर्देशानुसार मूर्ति की उंचाई एवं चैड़ाई 4’4 फीट से अधिक न हो, मूर्ति स्थापना वाले पंडाल की आकार 15’15 फीट से अधिक न हो। पंडाल के सामने पर्याप्त खुली जगह हो तथा इससे सड़क अथवा गली प्रभावित न हो। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल न हो दर्शको एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगाए जायेंगे। किसी भी एक समय में पंडाल एवं सामने मिलाकर कुल 20 व्यक्ति से अधिक न हो। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाईल नंबर दर्ज किया जायेगा, ताकि उनमें से यदि कोई कोरोना संक्रमित मिले तो कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकेगा।

मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति कम से कम 04 सीसीटीवी कैमरे लगायेगा ताकि उनमें से यदि कोई कोरोना संक्रमित मिले तो कांट्रेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा, ऐसा पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जायेगा।

मूर्ति स्थापित करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाईजर, थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हेंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रिनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी संबंधित समिति की होगी।

व्यक्ति या समिति के द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस बल्ली से बेरिकेटिंग कराकर काराया जायेगा, यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज की संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा वहन किया जायेगा।

कंटेनमेंट जोन मेे मूर्ति स्थापना की अनुमति नही होगी यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विर्सजन के समय अथवा विर्सजन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नही होगी।

मूर्ति विसर्जन के लिए वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे, पृथके से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन, पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कही भी रोकने की अनुमति नहीं होगी।

मूर्ति विसर्जन के लिए नगर निगम या पुलिस द्वारा निर्धारित मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्ततम मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के मार्ग में कही भी स्वागत, भंडारा प्रसाद वितरण पंडाल इत्यादि लगाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्याेदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रकिया की अनुमति नहीं होगी।

उपरोक्त शर्ताें के साथ घरों में गणेश मूर्ति स्थापित करेन की अनुमति होगी, यदि घर के बाहर मूर्ति स्थापित किया जाता है तो इसके लिए कम से कम 3 दिन पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र के साथ आवेदन देना होगा और अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी।

इस सभी शर्ताें के अतिरिक्त भारत सरकार एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय के द्वारा जारी एसओपी का पालन करना भी अनिवार्य होगा निर्देशों का उल्लघंन करते पाये जाने पर महामारी एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जायेगी।

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