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स्वास्थ्य

कोरोना वाइरस: क्या लामा और ऊंटनी के नैनो एंटीबॉडी से होगा कोरोना का खात्मा, कई संस्थानों में हुआ शोध…

लामा और ऊंटनी में मिलने वाले एंटीबॉडी कोरोना वायरस के इलाज में कारगर हो सकता है। वैज्ञानिकों ने लामा और ऊंटनी में ऐसे दो सूक्ष्म एंटीबॉडी की पहचान की है, जो वायरस को खत्म करने की ताकत रखते हैं। रोसैलिंड फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने मिलकर यह शोध किया है।

इनके शोधकर्ताओं लामा के दूध में पाए जाने वाले नैनो एंटीबॉडी के लैब में वायरस पर असर को देखा, जो सफल रहा। शोधकर्ताओं का दावा है कि लामा, ऊंटनी और अलपकास के दूध में प्राकृतिक तौर पर ऐसे सूक्ष्म एंटीबॉडी पाए जाते है।

लामा की रक्त कोशिकाओं से निकाले गए इन नैनो एंटीबॉडी ने वायरस को फैलने के लिए जिम्मेदार प्रोटीन को मनुष्य की कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोका। इससे संक्रमण आगे नहीं बढ़ पाया।

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शोधकर्ताओं का दावा है कि फिलहाल कोविड-19 का कोई इलाज नहीं है, ऐसे में एंटीबॉडी ही संक्रमण को फैलने से रोकने में कारगर रहे हैं। जानवरों की रक्त कोशिकाओं से एंटीबॉडी निकालकर इलाज का यह तरीका सौ साल से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल हो रहा है।

यह संक्रमण को गंभीर होने से बचाता है। ऑक्सफोर्ड की बॉयोलॉजी प्रोफेसर जेम्स नैस्मिथ ने कहा कि ये एंटीबॉडी कोरोना के मरीज में संक्रमण को बढ़ने से रोकती हैं। अन्य एंटीबॉडी के साथ इन्हें और सफल बनाया जा सकता है।

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