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स्वास्थ्य

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से मचेगी तबाही? यूरोप-अमेरिका के ये आंकड़े दे रहे गवाही…

भारत में कोरोना वायरस के दूसरी लहर की शुरुआत हो गई है। फिलहाल, महाराष्ट्र में ही कोरोना वायरस की दूसरी लहर के संकेत मिले हैं, पर पूरे भारत में कोरोना वायरस के ऐसे ही भयावह हालात रहे, तो देश में बड़ी तबाही मचने की संभावना है। अमेरिका और यूरोप के आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर अधिक जानलेवा होगी। दरअसल, शोधकर्ताओं ने अलग-अलग अध्ययनों में इसका खुलासा किया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा साबित हुई है।

यूरोप समेत दुनिया भर के 46 देशों में द इकोनॉमिस्ट ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के अध्ययन का विश्लेषण किया। वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी और यूनिवर्सिटी ऑफ शिन्हुआ ने भी अमेरिका और यूरोप में कोरोना से हुई मौतों का विश्लेषण किया। इसके साथ ही स्पैनिश फ्लू और कोरोना से हुई मौतों का भी विश्लेषण हुआ है। इसके बाद दावा किया गया है कि जिन देशों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई, वहां ज्यादा कोहराम मचा।

भारत में भी कोरोना एक बार फिर से तेजी से सिर उठा रहा है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोना के केस आ रहे हैं, जिसकी वजह से कई नागपुर और अकोला समेत कई जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है, वहीं पुणे से लेकर औरंगाबाद में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। कोरोना की रफ्तार को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि भारत में एक बार फिर से पाबंदियों के दिन लौटने लगे हैं। अगर ऐसा होता है तो यह काफी विकराल होगा, क्योंकि अमेरिका से लेकर यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर ने सबसे अधिक तबाही मचाई है।

अमेरिका में भी लाखों लोगों की जान गई

उधर, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी और यूनिवर्सिटी ऑफ शिन्हुआ के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यूरोप के मुकाबले अमेरिका में दूसरी लहर की रफ्तार थोड़ी धीमी रही। वैसे अमेरिका में भी अक्तूबर से दिसंबर के बीच आई कोरोना की दूसरी लहर ने लाखों लोगों की जान ले ली। अमेरिका में मार्च से अक्टूबर के बीच कोरोना के कुल एक करोड़ मामले सामने आए थे, लेकिन अगले तीन महीने में यानी नवंबर, दिसबंर और जनवरी में बढ़कर दो करोड़ हो गए।

स्पैनिश फ्लू ने भी करोड़ों की जान ली

स्पैनिश फ्लू और कोरोना वायरस ने 100 साल के अंतर पर दुनिया के करोड़ों लोगों की जान ली है। 1918 से 1920 तक स्पैनिश फ्लू की वजह से दुनिया भर में करीब 50 करोड़ संक्रमित हुए थे, जबकि पांच करो़ड़ लोगों की मौत हुई थी। स्पैनिश फ्लू ने भी अपनी दूसरी लहर में ज्यादा कोहराम मचाया था।

यूरोपीय देशों में ज्यादा तबाही

दुनिया के 46 देशों में हुए अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर से सबसे ज्यादा यूरोपियन देश प्रभावित हुए। ब्रिटेन, फ्रांस, बेल्जियम, इटली, नीदरलैंड्स, स्पेन और स्वीडन में कोरोना की दूसरी लहर ने ज्यादा तबाही मचाई। इन देशों में चिकित्सीय व्यवस्था चरमरा गई। अस्पतालों में संक्रमितों को भर्ती करने के लिए जगह तक नहीं बची थी।

दूसरी लहर में मौतें अधिक

दुनिया के 46 देशों में मार्च से लेकर मई, 2020 तक पहली लहर में 2.20 लाख लोगों की मौत हुई। वहीं, अक्तूबर से दिसंबर के बीच इन्हीं देशों में मरने वालों की संख्या में करीब चार लाख लोगों का इजाफा हुआ। मतलब 6.20 लाख लोगों की मौत कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद हुई।

भारत में कोरोना का ग्राफ

भारत में कोविड-19 के एक दिन में 28,903 नए मामले सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,14,38,734 हो गई। इस साल एक दिन में सामने आए यह सर्वाधिक मामले हैं। आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 13 दिसम्बर को 24 घंटे में वायरस के 30,254 नए मामले सामने आए थे। देश में कुल 1,10,45,284 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। हालांकि मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर में गिरावट आई है और वह अब 96.56 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.39 प्रतिशत है।

महाराष्ट्र में हालात भयावह

महाराष्ट्र में लगातार लागू की जा रहीं तमाम पाबंदियों के बावजूद भी कोरोना मामलों में बढ़ोतरी जारी है। बुधवार को राज्य में 23 हजार से ज्यादा कोरोना के केस मिले हैं। यह इस साल अब तक एक दिन में मिलने वाली कोरोना मामलों की संख्या सबसे अधिक है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना के 23,179 नए मामले सामने आए। 9,138 लोगों को डिस्चार्ज किया गया, जबकि 84 लोगों की पिछले 24 घंटे में मौत हो गई। इस तरह कुल मामलों की संख्या बढ़कर 23,70,507 हो गई है। अभी तक 21,63,391 ठीक हो चुके हैं। एक्टिव केस 1,52,760 हैं और 53, 080 लोगों की जान जा चुकी है।

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