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स्वास्थ्य

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को चिट्ठी लिख कर दिए ऐसे निर्देश…

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों औऱ केन्द्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) द्वारा परीक्षण किए गए लक्षणात्‍मक निगेटिव मामलों का आरटी-पीसीटी परीक्षण जरूर कराएं।

इस बारे में आईसीएमआर ने भी कहा है कि जिन व्यक्तियों में लक्षण दिखाई दे रहे हैं और उनका रैपिड टेस्ट में नेगेटिव रिपोर्ट आई है, तो उनका आरटी-पीसीआर परीक्षण किया जाना चाहिए। इनमें रैपिड एंटीजन टेस्‍ट के सभी लक्षणात्‍मक यानि बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ वाले निगेटिव मामले, निगेटिव परीक्षण किए जाने के 2 से 3 दिनों के अंदर लक्षण विकसित होने वाले एसिम्टोमैटिक मामले शामिल हैं।

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर के सामने कई मामले सामने आएं जिनमें एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव पाए गए लोग कोरोना पॉजिटिव निकले। मंत्रालय व आईसीएमआर ने बृहस्पतिवार को राज्यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों चिट्ठी लिख कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि लक्षणात्‍मक निगेटिव मामलों के आरएटी की दोबारा जांच करें। लक्षणात्‍मक निगेटिव मामले दोबारा जांच से न छूटें और वे अपने संपर्क में आने वाले व्‍यक्तियों में बीमारी न फैलाएं। झूठे निगेटिव मामलों का जल्‍द ही पता चले और उनको आइसोलेशन या अस्‍पताल में भर्ती किया जा सके। आरटीपीसीआर कोरोना परीक्षणों का मानक टेस्ट है।

केन्‍द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी राज्यों व केन्‍द्र शासित प्रदेशों से यह अनुरोध किया है कि वे ऐसे मामलों में अनुपालन के लिए हर जिले और राज्‍य स्‍तर पर तत्‍काल निगरानी तंत्र की स्‍थापना करें। ये टीम जिलों और राज्‍यों में दैनिक आधार पर किए गए रैपिड एंटीजन टेस्‍ट का विश्‍लेषण करेंगी और यह भी सुनिश्चित करेंगी कि सभी लक्षणात्‍मक निगेटिव मामलों का बिना देरी किए पुन: परीक्षण किया जाए।

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