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न्याय एवं कानून

ऑनलाइन सुनवाई के साइड इफेक्ट: गुटखा खाते और हुक्का गुड़गुड़ाते मिले वकील, बना रहे थे छल्ले; जानें  कोर्ट ने… 

देश की अदालतों में जब से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन सुनवाई शुरू हुई है, वकील रोज कुछ न कुछ हरकतें करते हुए पकड़े जा रहे हैं...

देश की अदालतों में जब से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ऑनलाइन सुनवाई शुरू हुई है, वकील रोज कुछ न कुछ हरकतें करते हुए पकड़े जा रहे हैं। गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में एक वकील गुटखा खाते पकड़े गए तो मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील राजीव धवन हुक्का गुड़गुड़ाते पाए गए।

दोनों मामलों में अदालतों को नसीहतें देनी पड़ीं। शीर्ष अदालत में गुटखा खा रहे थे वकील साहब गुरुवार को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बहस कर रहे वकील को गुटखा खाते हुए देख लिया।

अदालत ने पूछा ये क्या कर रहे हो तो वकील साहब ने तुरंत माफी मांगी। अदालत ने उन्हें छोड़ते हुए कहा कि आगे से ऐसा मत कीजिए।

हुक्का गुड़गुड़ाते धवन से कहा, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

उधर, राजस्थान उच्च न्यायालय की एक ऑनलाइन सुनवाई के दौरान मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को हुक्का गुड़गुड़ाते देखकर न्यायाधीश ने उन्हें धूम्रपान के खतरों के बारे में सलाह दी। वीडियो क्लिप में सुनवाई के दौरान धवन अपने चेहरे के सामने कुछ कागज पकड़े हुए दिख रहे हैं और इसके पीछे धुएं के छल्ले निकलते दिखाई दे रहे हैं। जब वकील कागज को अलग रख देते हैं तो कुछ सेकेंड की इस कथित क्लिप में हुक्के की नोंक दिखाई देती है। धवन बसपा के छह विधायकों की ओर से पेश हुए थे। इन विधायकों के राजस्थान में कांग्रेस में विलय को बसपा और भाजपा के एक विधायक द्वारा चुनौती दी गई है।

यह क्लिप न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल की अदालत की है। सुनवाई के दौरान हल्के-फुल्के अंदाज में न्यायमूर्ति गोयल ने धवन को सलाह दी कि उन्हें अपनी इस उम्र में धूम्रपान छोड़ देना चाहिए, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। धवन ने जवाब दिया कि वह इस सलाह का पालन करेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुनवाई के आदी नहीं हैं, लेकिन स्थिति का सामना करने की कोशिश कर रहे हैं। अप्रैल में सुनवाई के दौरान बनियान में आए थे वकील अप्रैल में राजस्थान उच्च न्यायालय में मामले की ऑनलाइन सुनवाई के दौरान एक अन्य वकील बनियान में दिखाई दिए थे। इसके बाद न्यायाधीश ने स्पष्ट किया था कि वकीलों को तब भी उचित पोशाक में दिखना चाहिए, जब वे अपने मामलों की ऑनलाइन सुनवाई कर रहे हों।

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