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भारत के 6 विख्यात महालक्ष्मी मंदिर जहां धन और समृद्धि की मन्नतें लिए पूरी दुनिया से श्रद्धालु आते हैं

भारत के 6 विख्यात महालक्ष्मी मंदिर जहां धन और समृद्धि की मन्नतें लिए पूरी दुनिया से श्रद्धालु आते हैं

लक्ष्मीनारायण मंदिर, नई दिल्ली: 
भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ विराजित हैं। इस मंदिर का पुनरुद्धार सन 1938 में उद्योगपति जी. डी. बिरला द्वारा करवाया गया था, जिसे मूल रुप से सन 1622 ईस्वी में वीरसिंह देव ने बनवाया था। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित इस मंदिर में जन्माष्टमी और दीपावली पूजा विशेष तौर मनाई जाती है।

महालक्ष्मी मंदिर, कोल्हापुर: 
कोल्हापुर में स्थित महालक्ष्मी मंदिर न केवल महाराष्ट बल्कि देश का सबसे प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर माना जाता है। इतिहास में दर्ज तथ्यों के अनुसार इस मंदिर का निर्माण सातवीं सदी चालुक्य वंश के शासक कर्णदेव ने करवाया था। प्रचलित जनश्रुति के अनुसार यहां की लक्ष्मी प्रतिमा लगभग 7,000 साल पुरानी है।

इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां सूर्य भगवान अपनी किरणों से स्वयं देवी लक्ष्मी का पद-अभिषेक करते हैं। जनवरी और फरवरी के महीने में सूर्य की किरणें देवी की पैरों का वंदन करती हुई मध्य भाग से गुजरते हुए फिर देवी का मुखमंडल को रोशनी करती हैं, जो कि एक अतभुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
महालक्ष्मी मंदिर, मुंबई: 
मुंबई का महालक्ष्मी मंदिर इस शहर के सर्वाधिक प्राचीन मंदिरों में से एक है। अरब सागर के किनारे बी. देसाई मार्ग पर स्थित यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां हर दिन श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है।

महालक्ष्मी मंदिर में धन की देवी महालक्ष्मी के साथ देवी महाकाली एवं महासरस्वती की प्रतिमाएं एकसाथ विद्यमान हैं। भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि यहां उनकी इच्छाएं जरूर पूरी होंगी।
पद्मावती मंदिर, तिरुचुरा: 
आंध्र प्रदेश में तिरुपति के पास तिरुचुरा नामक एक गांव है। इस गांव में देवी पद्मावती का सुंदर मंदिर स्थित है। लोक मान्यता है कि तिरुपति बालाजी के मंदिर में मांगी गयी मन्नतें तभी पूरी होती है, जब श्रद्धालु बालाजी के साथ-साथ देवी पद्मावती का आशीर्वाद भी ले लेते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी पद्मावती का जन्म कमल के फूल से हुआ है, जो इस मंदिर के तालाब में खिला था।
महालक्ष्मी मंदिर, इंदौर: 
कभी होल्कर राजाओं की राजधानी रहे मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर का निर्माण सन 1832 ईस्वी में मल्हारराव होल्कर (द्वितीय) ने करवाया था। प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु देवी महालक्ष्मी का दर्शन करते हैं।

पंडितों के अनुसार इंदौर के मल्हारी मार्तंड मंदिर के साथ इस प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में सुश्रृंगारित प्रतिमा का बहुत अधिक महत्व है।
श्रीपुरम का स्वर्ण मंदिर: 

प्रायद्वीपीय राज्य तमिलनाडु के वेल्लू जिले के श्रीपुरम गांव में अवस्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर को ‘दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर’ के रुप में जाना जाता है। 100 एकड़ में फैला मंदिर यह मंदिर पहले आम जनता के दर्शन के लिए बंद था, जो 2007 में सभी के लिए खोल दिया गया। पलार नदी के किनारे स्थित इस मंदिर को न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

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