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एआई / अब हाथाें की नसों से 0.3 सेकंड में होगी इंसान की पहचान, चीनी कंपनी ने बनाया स्कैनिंग सिस्टम

कंपनी का दावा- यह फेस रिकग्निशन से ज्यादा तेज और सुरक्षित, एयरवेव नाम दिया

2018 में पेश किया था, एक साल का ट्रायल कामयाब रहा

लाइफस्टाइल डेस्क. अब हाथों की धमनियों से इंसान की पहचान हो सकेगी। चीनी कंपनी मीलक्स ने ऐसी तकनीक विकसित है, जो फेस रिकग्निशन से भी तेज परिणाम देती है। नई तकनीक 0.3 सेकंड में ही धमनियों से इंसान की पहचान कर लेती है। कंपनी ने तकनीक का नाम एयरवेव रखा है। कंपनी का दावा है कि यह दूसरी बायोमीट्रिक प्रणाली से बेहतर और सुरक्षित है।

कैफेटेरिया और सार्वजनिक क्षेत्रों में शुरू हुआ इस्तेमाल

  1. कंपनी के मुताबिक, जब फेस रिकग्निशन तकनीक से इंसान की पहचान की जाती है तो चेहरे पर मौजूद 80 से 280 फीचर पॉइंट्स की जांच होती है। लेकिन एयरवेव 0.3 सेकंड में हाथ की हथेली में मौजूद एक मिलियन से ज्यादा माइक्रो-फीचर पॉइंट्स को स्कैन कर लेगा। इसके जरिए व्यक्ति को कोई दूसरा इंसान नकली पहचान बनाकर धोखा नहीं दे सकता।
  2. कंपनी के फाउंडर जेल क्यूंगलू ने बताया कि त्वचा के ठीक नीचे की प्रमुख नसें और कोशिकाएं व्यक्तिगत रूप से सभी में अलग-अलग होती हैं। एयरवेव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ही आधारित है। यह हाथ की हथेली के जरिए सूक्ष्म और प्रमुख धमनियों से लेकर कोशिकाओं को स्कैन करने में सक्षम है। स्कैनर पर हाथ रखते ही एक बार में ही इन्हें स्कैन कर लिया जाता है।
  3. चीन में इन दिनों ज्यादातर काम कैशलेस और फेस रिकग्निशन तकनीक के जरिए किए जा रहे हैं। चीन में ज्यादातर जगहों पर चेहरे की पहचान, क्यूआर कोड और पासवर्ड सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है। मीलक्स कंपनी का दावा कि ऐसे मामलों में साइबर सुरक्षा की निजता पर सवाल भी उठ रहे है, लेकिन एयरवेव इनसे अधिक बेहतर और सुरक्षित है।
  4. कंपनी के फाउंडर जेल क्यूंगलू के मुताबिक, एयरवेव को  2018 में पेश किया गया था। पिछले एक साल में चीन में ट्रायल चल रहा था और इसे काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। दक्षिण चीन के गुआंगडोंग प्रांत में कई कैफेटेरिया और सरकारी-सार्वजनिक क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल बढ़ा है। मीलक्स अब इस प्रणाली को जल्द ही मेट्रो ऑपरेटर्स के लिए लाने की तैयारी कर रही है।

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