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CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: DRDO ने जो इंजन 24 लाख में खरीदा, एयरफोर्स ने उसके लिए चुकाए 87 लाख रुपये…

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने यूएवी (ड्रोन) के निर्माण के लिए जिस इंजन को 24 लाख में खरीदा, उसी इंजन को विदेशी कंपनी ने एयरफोर्स को 87 लाख में बेच दिया। इतना ही नहीं उसने अप्रमाणित इंजनों की आपूर्ति की, जो यूएवी के हादसों का कारण भी बने। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने इस गड़बड़ी को अपनी रिपोर्ट में उजागर किया है तथा इस मामले की जांच करने की सिफारिश की है। इस मामले की जांच आने वाले दिनों में हो सकती है, जिससे खरीद प्रक्रिया से जुड़े अफसरों को भी मुश्किल होगी।

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार एयरफोर्स ने मार्च 2010 में मैसर्स इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज से यूएवी के लिए पांच 914ई रोटैक्स इंजन खरीदने का करार किया। प्रति इंजन की खरीद 87.45 लाख रुपये में की गई। इस प्रकार इस कंपनी ने एयरफोर्स को पांच इंजनों की आपूर्ति कर दी। कैग ने अपने लेखा परीक्षण में पाया कि डीआरडीओ की प्रयोगशाला एयरोनाटिकल डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (एडीई) ने दो साल बाद अप्रैल 2012 में यही इंजन 24.30 लाख रुपये प्रति इंजन के मूल्य पर खरीदे। लेखा परीक्षा के दौरान जांच में पाया गया है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूएवी के उपरोक्त इंजन की कीमत 21-25 लाख के बीच है, जबकि एयरफोर्स ने तीन गुना से भी अधिक दाम पर ये इंजन खरीदे। आखिर खरीद प्रक्रिया में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई। इससे सरकार को 3.16 करोड़ का नुकसान हुआ।

बिना प्रमाणित इंजनों की आपूर्ति

कैग ने कहा कि कांट्रेक्ट के तहत जो इंजन खरीदे जाने थे, वे खरीद समझौते के तहत सर्टिफाइड होने चाहिए। यानी संबंधित देश की नियामक एजेंसी से प्रमाणित होने चाहिए, लेकिन इजरायल की कंपनी ने बिना प्रमाणित इंजनों की आपूर्ति की। इंजनों पर गलत लेबल लगाए गए।

पूरी खरीद प्रक्रिया सवालों के घेरे में

सीएजी ने कहा कि जिन यूएवी में इन इंजनों का इस्तेमाल किया गया, उन्हें हादसों का शिकार होना पड़ा। इस प्रकार यह पूरी खरीद प्रक्रिया ही सवालों के घेरे में रही। सीएजी ने इन इंजनों की खरीद की जांच किए जाने की सिफारिश की है ताकि इस मामले में दोषी अफसरों एवं कंपनी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सके।

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