Advertisement
दुनियादेश

देश-दुनिया: सहमी-सहमी सड़कें, डरा हुआ बाज़ार ! आखिर कैसा होगा लॉकडाउन के बाद का संसार ?

जब देश में पहली बार लॉकडाउन लागू हुआ था, तब सभी को लगा था कि ये बस कुछ ही दिनों की बात है। उसके बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। लोग पहले की तरह काम पर जा सकेंगे, सड़कों पर फिर से गाड़ियां दौड़ती दिखेंगी, हम फिर खुली हवा में बिना मास्क के सांस ले सकेंगे। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर लॉकडाउन आगे बढ़ा दिया गया, लोगों की उम्मीदें टूट गई। आज स्थिति यह है कि लॉक डाउन का तीसरा चरण ख़त्म हो चुका है और लॉकडाउन-4 शुरू। लेकिन स्थिति जस की तस है।

उलटा विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) के बयानों ने रही-सही आस पर भी प्रहार कर दिया है, यह कहकर कि हो सकता है कोरोना कभी ना जाए और हमें इसके साथ ही रहना पड़े। इसके बाद से लोगों के जेहन में सवाल उठने लगे हैं कि अगर ऐसा हुआ तो क्या होगा, क्या लॉकडाउन खुलने के बाद भी हमें हमेशा इस महामारी के डर के साए में जीना होगा ? क्या हम कभी अपने मित्रों-परिचितों से गले नहीं मिल सकेंगे ? क्या थिएटर में प्रेमी युगल एक दूसरे से सटकर फिल्म देखते कभी नज़र नहीं आएँगे ? वायरस के खौफ से हम सड़क पर चाट-पकौड़ी खाने से डरेंगे, सड़कों पर एक दूसरे का हाथ पकड़कर टहलना भूल जाएंगे। बाज़ारों से रौनक मिट जाएगी, त्यौहार फीके हो जाएंगे और ये सब एक वायरस की वजह से, जो नग्न आँखों से दिखाई भी नहीं देता ? बड़े बड़े देश, बुद्धिजीवी, अर्थशास्त्री इस समय वैश्विक इकॉनमी को लेकर चिंतित हैं, लेकिन जब सम्पूर्ण मानवता ही भय के साए में जीने को मजबूर हो जाएगी, तो धन का पहाड़ भी उसे क्या सुख दे सकेगा।

लेकिन कहीं ना कहीं मानवी ह्रदय में अब भी यह आस बाकी है कि एक ना एक दिन सब कुछ सामान्य होगा और वो पहले की तरह अपने जीवन का आनंद ले सकेगा। दरअसल, मानव की सृप्त चेतना में यह बात अभी भी कहीं ना छिपी हुई है कि इतिहास में उसके रास्ते में असंख्य जलजले, महामारियां, दुश्वारियां आईं हैं, लेकिन उसने उन सब पर विजय प्राप्त कर अपनी यात्रा जारी रखी है, जो आज भी अनवरत है और आगे भी रहेगी। वैसे भी दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताएं कहतीं है कि जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु निश्चित है, इस हिसाब से ये महामारी भी तो जन्मी ही है, इसलिए कहीं ना कहीं इसका तोड़ अवश्य होगा और मानव उसे जरूर खोज लेगा।

                            साभार…Newstracklive.com

error: Content is protected !!