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अमेरिका / मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ कहने पर गांधी के पड़पोते बोले- ट्रम्प शायद जॉर्ज वॉशिंगटन की जगह लेना चाहते हैं

डोनाल्ड ट्रम्प ने न्यूयॉर्क में 24 सितंबर को नरेंद्र मोदी को फादर ऑफ नेशन कहा था, तुषार गांधी को ऐतराज

तुषार ने कहा- किसी को लगता है कि फादर ऑफ नेशन बदले जाने की जरूरत है तो उसका स्वागत

नई दिल्ली. अमेरिका राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फादर ऑफ नेशन कहे जाने पर महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने ऐतराज जताया है। तुषार गांधी ने रविवार को कहा कि शायद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प खुद जॉर्ज वॉशिंगटन की जगह लेना चाहते हैं। उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यक्रम को केवल प्रतीकात्मक बताया।

डोनाल्ड ट्रम्प ने 24 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान ट्रम्प ने कहा था कि मोदी ने भारत को एक पिता की तरह एक किया। शायद वे फादर ऑफ इंडिया हैं।

गांधी की पूजा करना मेरा अधिकार- तुषार
ट्रम्प के बयान पर तुषार ने कहा, “अगर किसी को लगता है कि भारत के राष्ट्रपिता को किसी नए से बदले जाने की जरूरत है तो उसका स्वागत है।’ तुषार पत्रकार अरुण गांधी के बेटे और मणिलाल गांधी के पोते हैं। जब उनसे सवाल किया गया कि दक्षिण पंथियों का एक धड़ा गोडसे द्वारा गांधी की हत्या का महिमामंडन करने की कोशिश कर रहा है? इस पर तुषार ने जवाब दिया- इस बात का फैसला वक्त करेगा कि कौन बेहतर है। जो लोग हिंसा की पूजा करते हैं, वह गोडसे की भी पूजा कर सकते हैं। मैं ऐसे लोगों के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं रखूंगा। अगर यह उनका अधिकार है, तो मेरा भी अधिकार है कि मैं गांधी की पूजा करूं। मैं उनका स्वागत करता हूं।

‘बापू महज प्रतीकों तक सीमित हो गए’
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाए जाने पर तुषार ने कहा कि सरकार का यह कार्यक्रम महज प्रतीकात्मक है। बापू के विचार और उनके आदर्श हर जगह लागू किए जा सकते हैं। जीवन में और प्रशासन में सभी जगह इन्हें लागू किया जा सकता है। लेकिन, बड़े दुख की बात है कि यह नहीं हुआ। बापू केवल एक प्रतीक तक सीमित हो गए। नोटों पर और स्वच्छता अभियान को पोस्टरों तक उन्हें सीमित कर दिया गया।

‘मोदी को फादर ऑफ इंडिया स्वीकार नहीं कर सकते, तो आप भारतीय नहीं’
इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने 25 सितंबर को कहा था, “जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ स्वीकार नहीं कर सकते, वे खुद को भारतीय नहीं कह सकते।” उन्होंने कहा था, “विदेश में रहने वाले लोग आज अपने भारतीय होने पर गर्व महसूस करते हैं। यह तब हो रहा है, जब प्रधानमंत्री मोदी का व्यक्तित्व और उनके व्यवहार से देश का सम्मान बढ़ रहा है।”

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