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खुशखबरी: इस IIT में B.Tech के साथ मिलेगी MBA की भी डिग्री, दोहरी डिग्री पाने का शानदार मौका

देश में पहली बार आईआईटी मद्रास ने बी टेक के साथ-साथ एमबीए की भी शिक्षा देने का फैसला किया है। यह अपने आप में अनोखा कोर्स होगा। इस कोर्स को टेक एमबीए नाम दिया गया है। आईआईटी मद्रास के बीटेक तीसरे या चौथे साल के विद्यार्थी इस कोर्स को चुन सकते हैं। इस कोर्स में पास करने वाले विद्यार्थियों को दोहरी डिग्री मिलेगी। पहले से अध्ययन वाले विषय बी-टेक की डिग्री तो मिलेगी ही, साथ में उन्हें एमबीए की डिग्री भी मिलेगी। इस पूरे कोर्स को करने में उन्हें कुल पांच साल का वक्त लगेगा। संस्थान ने 2019-20 सत्र से इस प्रोग्राम को शुरू करने का फैसला किया है।

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प्रबंधन की गहराइयों को समझेंगे : यह प्रोग्राम पांच वर्षीय इंटर डिसीप्लीनरी ड्वेल डिग्री का हिस्सा होगा। इस प्रोग्राम का खांका आईआईटी मद्रास के डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट स्टडी ने तैयार किया है। इस प्रोग्राम के तहत पांचवें साल में आईआईटी मद्रास के विद्यार्थी प्रबंधन के नए पाठ्यक्रम को पढ़ेंगे। इस कोर्स के तहत तकनीकी और प्रबंधन के बीच सहक्रियाशीलता की पड़ताल होगी। यानी यदि आपके पास तकनीकी की दक्षता है और प्रबंधन की गहराइयों से परिचित हैं, तो आप उद्यमशीलता की ओर तेजी से बढ़ सकते हैं।

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आईआईटी मद्रास में डिपार्टमेंट ऑफ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के प्रमुख जी अरुण कुमार ने बताया कि टेक एमबीए अकादमिक रूप से नया ट्रेंड सेट करेगा जबकि व्यावसायिक रूप से यह गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने बताया है कि हम भविष्य के लिए अगली पीढ़ी की ऐसी बेहतरीन प्रतिभाओं का निर्माण करने जा रहे हैं जिनमें तकनीकी गहराई भी हो, प्रबंधन की चतुराई भी हो और बिजनेस की कलाओं में बुद्धिमान भी हो। इसके लिए हम बिजनेस क्षेत्र की कंपनियों से समझौता भी करेंगे। यह प्रोग्राम तकनीकी के विद्यार्थियों को बिजनेस में भी महारत हासिल करने के गुर सिखाएगा। प्रबंधन कौशल के दम पर ये विद्यार्थी शीघ्र निर्णय लेने की क्षमता से लैस होंगे। इस प्रोग्राम को करने के बाद विद्यार्थियों के लिए आजीविका के ढेरों विकल्प खुल जाएंगे। वे उद्योग जगत में नई चीजों के निर्माण का नेतृत्व कर सकते हैं या उद्यमशील सलाहकार की भूमिका निभा सकते हैं।

संस्थान में पढ़ रहे किसी भी इंजीनियरिंग विषय के विद्यार्थी इस कोर्स में अपना नामांकन करा सकते हैं। नामांकन के लिए उन्हें इंजीनियरिंग के दौरान तीसरे साल में कठिन प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा। सबसे पहले पिछले साल की परीक्षा का ग्रेड देखा जाएगा। उसके बाद संस्थान के मैनेजमेंट विभाग की ओर से एप्टीट्यूट टेस्ट लिया जाएगा। अंत में साक्षात्कार के आधार पर विद्यार्थियों का अंतिम चयन किया जाएगा। प्रत्येक साल 25 से 30 विद्यार्थियों को इस कोर्स में एडमिशन दिया जाएगा।

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