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खुशखबरी: देश के दूसरे प्रदेशों के फंसे नागरिकों को राज्यों में भेजने की दी अनुमति, गृह मंत्रालय ने जारी की ये गाइडलाइंस…

देश में कोरोना संक्रमण के कुल 31,645 मामले सामने आ चुके हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब एक राहत दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, विद्यार्थियों आदि की आवाजाही की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें।

दरअसल, अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस ला पाएगा और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहां भेज पाएगा। बहरहाल, गृह मंत्रालय ने राज्यों को फंसे लोगों को लाने और ले जाने की व्यस्था के लिए कुछ गाइडलाइंस भी जारी किया है।

इसके मुताबिक…

-राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस काम के लिए नोडल अथॉरिटीज नामित करेंगे और फिर ये अथॉरिटीज अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी। जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की अथॉरिटीज एक दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी।

-जो लोग जाना चाहेंगे, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे तो उन्हें जाने की अनुमति होगी।

-लोगों की आवाजाही के लिए बसों का उपयोग किया जा सकेगा। बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टैंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोगों को बिठाया जाएगा।

-कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा और उन्हें गुजरने की अनुमति देगा।

-डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद लोगों की लोकल हेल्थ अथॉरिटीज की ओर से जांच की जाएगी। बाहर से आए लोगों को घूमने-फिरने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें होम क्वॉरेंटाइन में ही रहना होगा। जरूरत पड़ी तो उन्हें अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों में भी भर्ती किया जा सकता है। उनकी समय-समय पर जांच होती रहेगी।

-ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके।

लॉकडाउन में कामकाज ठप हो जाने के कारण आमदनी रुक गई और मजदूरों को रहने-खाने की चिंता सताने लगी। तभी दिल्ली और आसपास के इलाकों से हजारों मजदूरों ने पैदल ही सैकड़ों किमी दूर अपने-अपने घरों को पलायन कर दिया। वही, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजस्थान के कोचिंग हब कोटा में फंसे अपने प्रदेश के विद्यार्थियों विशेष बस से निकाला तो इस पर राजनीति होने लगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे लॉकडाउन का घोर उल्लंघन बताया। हालांकि, उन्हें बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिला। अब केंद्र सरकार ने इस बहस पर विराम लगा दिया।

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