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जरूरी खबर: कल से लागू होंगे ये छह नए नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर…

एक जुलाई से भारत में छह बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन नए नियमों से जहां एक ओर आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा गया, तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। इनमें रसोई गैस सिलेंडर के दाम, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नियम, आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) के नए नियम, आदि शामिल हैं। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में।

बदल जाएंगे रसोई गैस सिलेंडर के दाम

एक जुलाई से रसोई गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव होगा। रसोई गैस सिलेंडर का दाम बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है। इस बदलाव से आपकी जेब पर सीधा असर पड़ेगा। एक जून को सरकारी सेक्टर की तेल कंपनियों ने रसोई गैस के दामों में सब्सिडी और बिना-सब्सिडी के सिलेंडर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि की थी।

जून में इतनी हुई थी वृद्धि

जून में बिना-सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये का इजाफा हुआ था, जिसके बाद दिल्ली में सिलेंडर की नई कीमत 737.50 रुपये, मुंबई में 709.50 रुपये, कोलकाता में 763.50 रुपये और चेन्नई में 753 रुपये हो गई थी।

वहीं सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतों में 1.23 रुपये की वृद्धि हुई थी, जिसके बाद दिल्ली में सिलेंडर की कीमत 497.37 रुपये, कोलकाता में 500.52 रुपये, मुंबई में 495.09 रुपये और चेन्नई में 485.25 रुपये हो गई थी।

एसबीआई ने दिया तोहफा

देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती करने के बाद अपने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। बैंक ने कहा है कि अब होम लोन को रेपो रेट से लिंक किया जाएगा। इस संदर्भ में बैंक ने बयान जारी करते हुए कहा कि वो अब रेपो रेट के आधार पर अपने होम लोन की पेशकश करेंगे और यह सुविधा एक जुलाई से शुरू होगी।

42 करोड़ ग्राहकों पर पड़ेगा असर

बैंक के इस कदम का असर 42 करोड़ ग्राहकों पर पड़ेगा, जिन्होंने होम लोन लिया हुआ है। अब जब भी आरबीआई अपने रेपो रेट में बदलाव करेगा, उसका असर तुरंत होम लोन पर भी पड़ेगा। अगर केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की, तो फिर एसबीआई भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेगा।

एक जुलाई से आपको मुफ्त में मिलेगी यह सुविधा

छह जून को हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में आरबीआई ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये होने वाला लेन-देन के निशुल्क कर दिया था। अब केंद्रीय बैंक ने घोषणा की यह नियम एक जुलाई से लागू होगा।

आरटीजीएस और एनईएफटी करने पर बैंक ग्राहकों से चार्ज वसूलते हैं। ऐसे में ग्राहकों के खाते से अतिरिक्त राशि कटती है। हालांकि अब एक जुलाई से बैंकों को आरबीआई के नियम का पालन करना पड़ेगा, जिसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा।

छोटी बचत योजनाओं पर 0.1 फीसदी घटी ब्याज दर

सरकार ने एनएससी (NSC) और पीपीएफ (PPF) सहित सभी छोटी बचत योजनाओं पर जुलाई से सितंबर की तिमाही में ब्याज दरों में 0.1 फीसदी की कटौती की है। इस फैसले का मकसद रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद ब्याज दरों को कम करके बैंकिंग सेक्टर के अनुरूप बनाना है। आरबीआई इस साल तीन बार पॉलिसी रेट में कमी कर चुका है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों को बैंकिंग सेक्टर के अनुरूप करने के लिए सरकार ने ब्याज दरें घटाई हैं।

अब यह हुई ब्याज दर

2019-20 की दूसरी तिमाही के लिए जारी वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक पीपीएफ और एनएससी में सालाना ब्याज आठ फीसदी की जगह 7.9 होगी। वहीं, 113 महीने में परिपक्व होने पर किसान विकास पत्र 7.6 फीसदी ब्याज मिलेगा। अभी 112 महीने में परिपक्व होने पर 7.7 फीसदी ब्याज मिलता है।

बेसिक खाताधारकों को भी मिलेगी चेकबुक की सुविधा

रिजर्व बैंक ने बेसिक बचत एवं जमा (बीएसबीडी) खातों से जुड़े नियमों में बदलाव करते हुए खाताधारकों को तोहफा दिया है। केंद्रीय बैंक ने नए नियम जारी कर कहा कि बेसिक खाताधारक भी अब चेकबुक ले सकेंगे। साथ ही बैंक उन्हें मिनिमम बैलेंस रखने के लिए भी बाध्य नहीं कर सकेंगे और महीने में कम से कम चार बार धन निकासी की सुविधा मिलेगी। यह नियम एक जुलाई से लागू होने जा रहे हैं।

आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि बैंकों को नियमों में छूट का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा। अभी तक इन खाताधारकों के चेकबुक जैसी अतिरिक्त सुविधा लेने पर बेसिक बचत खाता सामान्य खाते में बदल जाता है और उपभोक्ता को मिनिमम बैलेंस रखने के साथ अन्य तरह के चार्ज का भुगतान करना पड़ता है।

इन खाताधारकों को महीने में चार बार बिना शुल्क धन निकासी की सुविधा मिलेगी, जिसमें एटीएम से निकासी भी शामिल होगी। हालांकि, जमा करने की कोई सीमा नहीं रखी गई है।

36,000 रुपये तक महंगी होंगी महिंद्रा की कारें

प्रमुख घरेलू वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा की कारें एक जुलाई से महंगी हो जाएंगी। इस संदर्भ में कंपनी ने कहा था कि वह एक जुलाई से स्कॉर्पियो, बोलेरो, टीयूवी-300 और एक्सयूवी की कीमतों में 36,000 रुपये तक का इजाफा करेगी। इससे वाहन खरीदारों पर कुछ अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। कंपनी ने नियामकीय सूचना में कहा कि भारत में सभी यात्री वाहनों में एआईएस 145 सुरक्षा मानदंड लागू होने के कारण कीमतों में वृद्धि की जा रही है।

वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष (वाहन क्षेत्र) राजन वढेरा का कहना था कि सुरक्षा हमारी उत्पाद विकास प्रक्रिया का मुख्य अंग है। हम सुरक्षा से जुड़ी नियमकीय जरूरतों का स्वागत करते हैं। हालांकि, इसके चलते लागत में कुछ वृद्धि हुई है। इसी क्रम में हम अपने कुछ यात्री वाहनों की कीमतों में वृद्धि कर रहे हैं। यह एक जुलाई, 2019 से लागू होगी।

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