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छत्तीसगढ़ / पांच साल में नशे के चलते सड़क हादसे में 13 हजार लोगों की मौत, 35 हजार हुए घायल

प्रदेश में हर साल मानकों की अनदेखी व लापरवाही के चलते सड़क हादसों में होती है 4000 मौतें

बिलासपुर जिले में ही तीन महीने में 179 लोगों की मौत, 90 ने पी रखी थी शराब

 बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में साढ़े पांच साल में 64199 सड़क हादसे हुए। इनमें 21756 लाेगाें की माैत हो गई और 6,0087 लाेग घायल हो गए। गंभीर बात यह है कि मरने वालों में आधे से अधिक यानी 13006 लोगों की मौत नशे के कारण हुई। वाहन चलाते समय ये लोग शराब या अन्य नशे में थे। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी 2015 से मार्च 2019 तक घायलों में भी 35149 लोग नशे में मिले। प्रदेश में सड़क हादसों में हर साल करीब 4,000 लोगाें की माैत हाे रही है। यह मौत इसलिए होती है कि लोग मामूली सुरक्षा के मानकों की अनदेखी करते हैं।

वाहनों की भिड़ंत से 2500 मौतें नशे के कारण

अकेले बिलासपुर की ही बात करें तो पिछले तीन माह के दौरान 179 लोग सड़क हादसे में अपनी जान गवां चुके हैं। मरने वालों में से 90 ऐसे थे, जिन्होंने शराब पी रखी थी। गाड़ियों की टक्कर और सही सड़क सुरक्षा उपायों की अनदेखी के चलते सड़क हादसे बेहद आम होते जा रहे है। वाहनों की भिड़ंत से हादसों से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सबसे गंभीर बात यह है इनमें से 2500 लोगों की मौत नशे के कारण हुई है। छत्तीसगढ़ में तमाम तरह के जागरूकता अभियान और सख्ती के बावजूद सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है जो कि चिंताजनक है।

सड़क हादसे के आंकड़े जनवरी 2015 से मार्च 2019 तक

साल कुल हादसे कुल मौतें कुल घायल नशे के कारण मौतें नशे के कारण घायल
2015 14446 4082 13426 3205 7568
2016 13580 3908 12995 2031 8002
2017 13513 4136 12487 2721 9789
2018 14425 6231 13587 3250 7192
2019 8235 3999 7592 1799 2598
कुल 64199 21756 60087 13006 35149

इस साल नशे में गाड़ी चलाने वालों 661 पर हुई कार्रवाई

सड़क हादसों में हो रही आधी से ज्यादा मौतों का कारण नशे में वाहन चलाना है। चालू साल में 25 जुलाई तक की रिकार्ड देखा जाए तो इस दौरान पूरे प्रदेश में शराबियों के महज 661 ही चालान बनाए हैं। जांचने के लिए ट्रैफिक पुलिस के पास ब्रीथ एनालाइजर नहीं होती।

6 माह के भीतर पकड़े गए 109 नशेड़ी चालक : ट्रैफिक विभाग के अनुसार, पुलिस समय समय पर नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाती रहती है। पुलिस ने जनवरी माह से लेकर मार्च माह तक नशे में गाड़ी चलाने वाले 109 लोगों को पकड़ा है। उनका चालान किया और नशा नहीं करने की हिदायत दी। बावजूद इसके नशे में गाड़ी चलाने का सिलसिला नहीं थम रहा है।

सभी एसपी को जांच करने के निर्देश-डीजीपी

डीजीपी, डीएम अवस्थी का कहना है कि सड़कों पर दुर्घटनाएं ना हों इसके लिए लोग नशा कर गाड़ी न चलाएं। हमने सभी जिले के एसपी को इस बात के लिए कहा है कि वह इसके लिए ध्यान दें। रोज वाहन चालकों की जांच करे। रोड सेफ्टी नियमों का पालन कराने की पुलिस पूरी कोशिश कर रही है।
80 प्रतिशत लोगों की होती एकाग्रता भंग : रात को चालक नशा करके गाड़ी चलाते है। इस कारण उनकी एकाग्रता भंग हो जाती है और हादसा होता है। यहीं कारण है कि तीन माह में सैकड़ों हादसे हुए और इनमें दर्जनों लोग घायल भी हुए। वहीं कई लोगों की मौत भी हो गई।

ज्यादातर रिपोर्ट में अल्कोहल

एक्सीडेंटल केस में 50 प्रतिशत लोगों की पीएम रिपोर्ट में अल्कोहल पाया जाता है। गुजरात जैसा प्रतिबंध पूरे देश में होना चाहिए।

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