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अब छोटे बच्चे भी होंगे फेल,सरकार ला रही ये नई नीति,जानिए इसके बारे में !

   

केंद्रीय मंत्रीमंडल ने आठवी कक्षा तक के छात्रों को फेल नहीं करने की नीति को खत्म करने को बुधवार को मंजूरी दे दी है। इसके साथ मंत्रीमंडल ने देश भर में विश्व स्तर के करीब 20 संस्थानों के निर्माण की मानव संसाधन विकास को भी मंजूरी दे दी है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय सलाहाकार बोर्ड से जुड़ी उप समिति ने कक्षा आठ तक के बच्चों को फेल नहीं करने की नीति की सिफारिश की थी मगर उसे रद्द कर दिया गया।

सूत्रों के हवाल से बताया जा रहा है कि इसे लेकर बाल निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार संशोधन विधेयक में एक नया प्रावधान बनाया जाएगा। जिससे सभी राज्यों को साल के आखिर में होने वाली वार्षिक परीक्षा में फेल हुए पांचवी और आठवीं कक्षा में फेल हुए छात्रों को उसी कक्षा में रोकने की मंजूरी मिल जाएगी। मगर इसके लिए यह भी कहा जा रहा है कि बच्चे को इस गलती को सूधारने का एक मौका दिया जाएगा। जिसमें उससे एक बार फिर से परीक्षा ली जाएगी। यह विधेयक को बना दिया गया है जिसे पास होने के लिए संसद में पेश किया जाएगा।

आपको बात दें कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत यदि कोई छात्र कक्षा एक से लेकर आठवीं तक यदि फेल भी हो जाता है तो उसे आगे की कक्षा में भेज दिया जाता था मगर अब ऐसा नहीं होगा। आपको बात दें कि यह प्रावधान साल 2011 में लागू किया गया था।

खबरों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि पिछले सप्ताह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जाबड़ेकर ने बताया कि राज्यों के समर्थन से केंन्द्र सरकार जल्द पांचवी और आठवीं में फेल हुए छात्रों का उसी कक्षा में रोकने की व्यवस्था को शुरू कर देगी। इसके आगे उनहोंने जानकारी दी है कि हम ऐसी भी व्यवस्था कर रहे है ताकि फेल हुए बच्चे को दूसरा मौका दे सके जिससे की वह एक बार फिर से परीक्षा देकर पास हो सके और आगे बढ़ सके।

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