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दिल के मरीज को बगैर ऑपरेशन किए डॉक्टरों ने लीडलेस पेसमेकर लगाया

नई दिल्ली –हृदय की अनियंत्रित धड़कन की बीमारी से पीड़ित मरीजों को बड़े पेसमेकर लगाने की जरूर नहीं पड़ेगी. साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने दिल की बीमारी से पीड़ित एक मरीज को बगैर ऑपरेशन किए लीडलेस पेसमेकर लगाया. जो विटामिन के कैप्सूल के आकार का होता है. इस पेसमेकर को लगाने के बाद मरीज का सेहत अच्छा है. खास बात यह है कि इस पेसमेकर का आकार पारंपरिक पेसमेकर से 93 फीसद छोटा होता है.

हृदय की बीमारी से पीड़ित मरीज शादिक अनवर खुद आंखों के डॉक्टर हैं. उन्हें कई बार चक्कर आने की कठिनाई होती थी. उन्होंने बोला कि चार जून को वह आकस्मित बेहोश हो गए. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए एंबुलेंस से मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां डॉक्टरों ने उन्हें अस्थाई पेसमेकर लगाया.

स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद डॉक्टरों ने स्थायी पेसमेकर लगाने की सलाह दी. डॉक्टर होने के नाते मुझे यह मालूम है कि जिस प्रोसिजर और ऑपरेशन में कम काट-छांट हो वह मरीज के लिए अधिक आरामदायक होता है. इसलिए छह जून को डॉक्टरों ने लीडलेस पेसमेकर लगाया.

मैक्स अस्पताल के कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी लैब और अरिदमिया विभाग की निदेशक डॉ।विनिता अरोड़ा ने बोला कि यह पेसमेकर लगाने के लिए दिल के ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होती. जिस तरह एंजियोप्लास्टी में धमनी के माध्यम से स्टेंड डाला जाता है उसी तरह यह पेसमेकर भी लगाया जाता है।

डॉ.विनिता ने बोला कि मरीज के दायें पैर की जांघ की धमनी के माध्यम से स्टेंड की तरह पतली लीड की मदद से पेसमेकर को दिल के दायें वेंट्रिकल में लगाया गया। इस तकनीक से मरीज एक-दो दिनों में अच्छा हो जाता है।उन्होंने बोला कि यह नयी तकनीक है।राष्ट्र में एम्स और मैक्स सहित तीन अस्पतालों में ही इसकी सुविधा है। मैक्स में अब तक 15 मरीजों को यह पेसमेकर लगाया जा चुका है।

टाइटेनियम का बना होता है लीडलेस पेसमेकर

डॉ.वनिता ने बोला कि लीडलेस पेसमेकर टाइटेनियम का बना होता है। समान्य पेसमेकर की तुलना में इससे संक्रमण होने की आंशका बहुत कम होती है।इसके अतिरिक्त इससे रक्तस्राव होने की आंशका भी नहीं रहती।

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