Advertisement
अन्य

निःशुल्क न्याय पाने से वंचित लोग

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने लोगो को लोक अदालत से जोड़ने के लिए प्रेस वार्ता की। जागरूकता के अभाव से निःशुल्क न्याय का फ़ायदा लोगो को नही मिल पा रहा है।पत्रकारो से चर्चा के दौरान कही नालसा के निर्देश पर 2017 से दो माह में नेशनल लोक अदालत लगाई जा रही है।इसमें न्यायालय में विचाराधीन तथा प्री-लिटिगेशन के प्रकरण निराकरण हेतु प्रस्तुत किए जाते है।इस के अलावा राजीनामा योग चेक बाउंस के धारा 138,बैंक वसूली,मोटर दुर्घटना,दावा श्रमिक विवाद,बिजली,पानी,बिल  के मामलों का आपसी समझौता से निपटारा किया जाता है।पति पत्नी के बीच छोटी छोटी बातों के लेकर विवाद हो जाता है।बात तलाक तक पहुच जाती है।ऐसे में दोनों को समझाइश देकर समझौता करा परिवार को टूटने से बचाया जाता है। 8जुलाई 2017 को हुए नेशनल लोक अदालत में कोर्ट पेंडिंग के 18637 मामले समझौता के लिए रखे गए ।इसमें 3295 प्रकरण निराकरण कर 24 करोड़ 74 लाख 96 हजार 624 रुपए का अवार्ड पारित किया गया।इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन के 3115 प्रकरण निराकृत हुए।अगली लोक अदालत सितंबर में की जाएगी।इसमें कोई भी व्यक्ति न्ययालय में चल रहे प्रकरण लोक अदालत में प्रस्तुत  करने के लिए आवेदन कर सकता है।

error: Content is protected !!