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बिलासपुर केंद्रीय जेल में रंगदारी नही देने पर तीन सगे भाइयों साथ मारपीट

302 के मामले में बंद तीन सगे भाइयों को अच्छा खाना पीना व सुविधा के नाम पर उनके परिजन से तीस हजार रुपए मांगने का आरोप लगया है। रुपया नहीं देने पर कैदियों से मारपीट व तरहतरह से प्रताड़ित करने और परिजन को मुलाकात से रोकने की भी आरोप लगया है।आपस में तीन सगे भाइयों के पिता बिसरू राम निर्मलकर और माता सौहद्रा निर्मलकर ने गुरूवार को प्रेस क्लब पहुंचकर इस मामले की विस्तार से बताया।तिफरा में रहने वाले बिसरू राम निर्मलकर बिजली विभाग तिफरा में लाइन इंस्पेक्टर हैं। उनके तीन पुत्र प्रमोद,नवीन,तारण हैं। 2014 में सिरगिटी के यादव मोहल्ला में विजय सूर्यवंशी नाम के एक व्यक्ति की हत्या हुई थी।उस मामले में इन तीनों भाइयों को आरोपी बनाया गया था।आरोप तय होने के बाद से तीनों बिलासपुर सेन्ट्रल जेल में बंद हैं।बिसरू राम निर्मलकर ने बताया कि तीनों को जेल में प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हे परिजन से मिलने नहीं दिया जा रहा है।25 जुलाई को तीनों की पेशी जिला सत्र न्यायालय में थी। वहां भी परिजन को मिलने नहीं दिया गया।इस दौरान प्रमोद निर्मलकर किसी तरह अपने पिता बिसरू राम निर्मलकर से मिला और जेल में तीनों भाइयों से मारपीट किए जाने की बात बताई। उसने यह भी बताया कि जेलर और दो सिपाही जेल में वीआईपी सुविधा के नाम पर हर महीने तीस हजार मांगते हैं। कहा जा रहा है कि ऐसा नहीं होने पर जेल में प्रताड़ित किया जाएगा और परिजन से भी नहीं मिलने दिया जाएगा।जेल में बंद युवको के पिता बिसरू राम निर्मलकर ने बताया कि इससे पहले भी मेरे पुत्रो के साथ मारपीट हो चूँकि है इसकी शिकायत जेल आईजी और बिलासपुर एसपी से भी कर चुका हूं,लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।और न ही जेल में बंद मेरे पुत्रो को राहत मिल सकी है।

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