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श्राद में कौए को भोजन यु ही नहीं कराते इसके पीछे जुड़ा है बहुत बड़ा राज, जानिए आप भी

हम कई सालो से ये परम्परा निभा रहे है की पितृपक्ष श्राद में भोजन सबसे पहले कौए को खिलाते है लेकिन क्यों

कौए को भोजन और पकवान खिलाने की परम्परा तो सभी निभाते आ रहे है लेकिन कई लोगो को इसके बारे में और इसका कारण भी नहीं पता है की ऐसा क्यों करते है आज हम आपको बतायेगे इसका कारण।

कौआ होता है यमराज का वाहक

आपको बता दे की श्राद में कौए को पितरो का प्रतीक माना जाता है और कोवा यमराज का वाहक होता है जिसे की श्राद पक्ष में कौआ घर घर जा कर उनके पूर्वजो का खाना ग्रहण करते है और ऐसा करने पर पितरो और पूर्वजो को तृप्ति मिलती है।

श्रीराम ने दिया वरदान

आपको बता दे की यमराज का वाहक होने के साथ साथ जयंत कौए रूपी पक्षी ने सीता माँ पर वार कर दिया था तब श्री राम ने ब्रह्मास्त्र चलाकर आँख फोड़ दी उसके बाद जयंत ने क्षमा मनाई तो को वरदान दिया था की तुम्हे जो भी खाना अर्पित होगा वो पितरो को मिलेगा।

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