41 दिन, 3 लीटर खून और 60 इंजेक्शन…कहानी यहीं खत्म नहीं थी, जाली नोट, अवैध हथियार और ड्रग्स डीलरों के गिरोह को भी सलाखों के पीछे डालना था, आखिरकार सबको जेल पहुंचाकर ही लिया दम…
देश को उन्नति के पथ पर ले जाने में सबसे ज्यादा हाथ युवाओं का ही होता है। युवा आज हर कार्य को अलग तरीके से करना चाहता है। कई युवा अपनी नौकरी तक छोड़कर देश के विकास में अपनी हिस्सेदारी दर्ज करा रहे हैं। राजस्थान के सीकर जिले से संबंध रखने वाले 26 वर्षीय जयदीप शर्मा भी ऐसे ही एक कर्मठ युवा हैं जिन्होंने अपने हौसलों और हिम्मत से कई अवैध कार्यों का भंडाभोड़ किया है। सच सामने लाने के लिए और दूसरों को बचाने के लिए इन्होंने अपनी जान तक की परवाह नहीं की। यही कारण था कि देश के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू तक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इनके कार्यों के साथ इनकी सराहना की है।
राजस्थान के इस युवा के सराहनीय कार्यों पर समाचार जगत की दूसरी स्टोरी में आज हम इनके और दूसरे समाज सेवा के कार्यों पर नजर डालेंगे। पहली स्टोरी में हमने इनके द्वारा किए गए किडनी रैकेट गिरोह के भंडाभोड़ के बारे में आपको बताया था आज दूसरी कड़ी में जानते हैं कि कैसे इन्होंने जाली नोट रैकेट, अवैध हथियार गिरोह, ड्रग्स डीलरों को पुलिस की पकड़ तक पहुंचवाया।
25 मई 2017 को दिल्ली में किडनी रैकेट गिरोह को पकड़वाने में 240 घंटे की रिकॉर्डिंग करने वाले जयदीप शर्मा का गिरोह ने उस दौरान 41 दिन में 3 लीटर खून तक चूस लिया था। यही नहीं उनके शरीर पर 60 इंजेक्शन तक लगाए गए। लेकिन बंदा जुनूनी था। इतना होने के बाद अपने लक्ष्य से डगमगाया नहीं और आखिरकार उसने किडनी रैकेट गिरोह को पुलिस के हत्थे चढ़ा ही दिया।
वहीं दूसरा मामला 22 जुलाई 2017 का है। ये मामला राजस्थान के भरतपुर जिले के अजान गांव से जुड़ा हुआ है। ये मामला विमुद्रीकरण के बाद सामने आया था। डिमोनीटाइजेशन के बाद देश में हर जगह पैसों की किल्लत आ गई थी। ऐसे में जाली नोट के कई रैकेट देशभर में सक्रिय हो चुके थे। अजान गांव में नकली नोटों के चलन की खबरें इन्होंने भी पड़ी तो इस मामले का राज खोलने की ठान ली। इसके बाद इन्होंने राजस्थान पुलिस , एसओजी टीम की मदद से आखिरकार इस नकली नोट गिरोह का पर्दाफाश कर ही दिया।
10 जून 2017 को इन्होंने अवैध हथियार निर्माण के एक अऩ्य मामले में भी पुलिस का सहयोग कर पूरे गिरोह को पकड़वाया। ये मामला उत्तप्रदेश के एटा जिले का था। जानपर खेलकर अवैध हथियार कारखानों में बन रहे हथियारों की वीडियो रिकॉर्डिंग कर इन्होंने एबीपी न्यूज और क्राइम ब्रांच की टीम को सुपुर्द किया। इसके बाद पुलिस ने इनकी मदद से आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्त में ले लिया।
वहीं हिमाचल प्रदेश में युवाओं के बीच नशे की आपूर्ति कर रहे ड्रग्स गैंग को भी इन्होंने नहीं छोड़ा। इस मामले में इनकी समझदारी और सहयोग से ड्रग्स डीलर सहित पूरा गिरोह पुलिस के हत्थों चढ़ गया।