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नक्सल प्रभावित इलाकों में थानों के लिए जारी फंड का इस्तेमाल ना होने पर महालेखापरीक्षक (कैग) की केंद्र को फटकार…

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने नक्सल प्रभावित इलाकों में फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशनों के लिए जारी फंड की निगरानी ना कर पाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को फटकार लगाई है। कैग ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई है कि नक्सल प्रभावित 10 राज्यों के 83 जिलों में पुलिस स्टेशन के निर्माण के लिए जो फंड इस्तेमाल नहीं किया गया, उसका इस्तेमाल नहीं हुआ लेकिन इसको गृह मंत्रालय की ओर से मॉनिटर नहीं किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल 623 करोड़ रुपए में से 52.18 करोड़ की राशि 2012 और 2016 में 10 राज्यों के 83 जिलों में 400 पुलिस स्टेशनों और चौकियों के निर्माण के लिए जारी किए गए। सीएजी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इसक तीन साल बाद भी धनराशि का इस्तेमाल नहीं किया गया है। सीएजी रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में दो अतिरिक्त पुलिस स्टेशनों के निर्माण पर लगभग 3.79 करोड़ रुपये खर्च किए, जो इस योजना का हिस्सा नहीं थे। इसको लेकर भी सवाल किए गए हैं।

फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशनों बनाने की योजना के तहत, गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एक पुलिस स्टेशन के लिए 2 करोड़ रुपये की लागत से 400 पुलिस स्टेशनों के निर्माण और सुदृढ़ीकरण में सहायता करने का काम सौंपा गया था। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच धन का आवंटन 80:20 के अनुपात पर था।

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