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कांग्रेस नेत्री किरणमयी ने कहा- प्रदेश के कई कलेक्टर भाजपा के लिए कर रहे हैं काम…बिलासपुर समेत प्रदेश के चार कलेक्टरों पर कार्रवाई करने निर्वाचन आयोग को लिखा गया है पत्र…


बिलासपुर/ रायपुर की पूर्व मेयर और दिग्गज कांग्रेस नेत्री किरणमयी नायक ने प्रदेश के कई कलेक्टरों पर सीधा निशाना साधा। उनका आरोप है कि बिलासपुर समेत कई कलेक्टर भाजपा के गमछाधारी हैं। बिलासपुर कलेक्टर की कार्यप्रणाली को लेकर हमने कई बार आपत्ति जताई। मतदान के दौरान वे कमल फूल लेकर वोटिंग करने गए थे। इसका वीडियो भी हमने निर्वाचन आयोग को भेज दिया है। प्रदेश के ऐसे चार कलेक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया है।

कांग्रेस नेत्री नायक और रुचिर गर्ग बुधवार को बिलासपुर आए थे। कांग्रेस भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कांग्रेस नेत्री नायक ने कहा कि पूरे प्रदेश में स्टांग रूम के आसपास चाहे धमतरी का उदाहरण लें… साजा का उदाहरण लें। कभी लैपटॉप लेकर तो कभी कुछ और लेकर अधिकारी आ रहे हैं, जा रहे हैं। हमारे कांग्रेस के मुस्तैद कार्यकर्ताओं की वजह से पहचाने जा रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दबाव के कारण ये कार्रवाई हो रही है। मतदान के बाद से जहां-जहां से शिकायतें आ रही हैं, प्रदेश कार्यालय की ओर निरंतर निर्वाचन आयोग को पत्र लिख रहे हैं। मतदान और मतगणना के दिनों में काफी समय है। इस दौरान जो त्रुटियां हो रही हैं, उस पर कांग्रेस नजर रख रही है और पूरी कवायद मतगणना के दौरान गड़बड़ी रोकने को लेकर है।

अमित शाह का आदेश- 1000-2000 का अंतर हो तो सर्टिफिकेट जारी कर दें

कांग्रेस नेत्री नायक ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिए बगैर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा का जो तड़ीपार अध्यक्ष हैं, उन्होंने आदेश दिया है कि जहां कहीं भी 1000-2000 वोटों का अंतर है, वहां बीजेपी प्रत्याशियों को सर्टिफिकेट जारी कर दें। बाकी वे देख लेंगे। ऐसी सूचनाएं आने के बाद कांग्रेस और चौकन्नी हो गई है। हम एक वोट के अंतर पर भी वीवीपैड की भी गिनती कराई जाएगी।

बिलासपुर कलेक्टर को मिल चुका है नोटिस

कांग्रेस नेत्री नायक ने खुलासा करते हुए बताया कि बिलासपुर कलेक्टर पी दयानंद को लेकर निर्वाचन आयोग को शिकायत की गई थी। बताया गया था कि दयानंद जब वोट डालने गए थे, तब उनकी जेब पर ताजा कमल का फूल लगा हुआ था। इसका वीडियो हमने भेजा था। इसे गंभीरता से लेते हुए निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर कलेक्टर की कार्यप्रणाली शुरुआत से ही पारदर्शी नहीं रही है। समय-समय पर इसकी शिकायत हमने निर्वाचन आयोग से की है। हालांकि अब तक उन पर कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन वे कब तक बचेंगे।

चार कलेक्टरों पर कार्रवाई करने लिखा गया है पत्र

कांग्रेस नेत्री नायक ने बताया कि बिलासपुर कलेक्टर दयानंद, सुकमा कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य, दुर्ग कलेक्टर उमेश अग्रवाल और धमतरी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा गया है। इसके अलावा धमतरी कलेक्टर को निलंबित करने अलग से पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से स्ट्रांग रूम में तहसीलदार और पटवारी लैपटॉप लेकर गए थे, वह संदेह को जन्म देता है। इसकी शिकायत करने पर पहले दिन दो पटवारियों को सस्पेंड किया गया। दूसरे दिन तहसीलदार पर कार्रवाई हुई। इस मामले में धमतरी कलेक्टर को सस्पेंड करने हमने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है।

कलेक्टर और एसपी भी नहीं ले जा सकते मोबाइल

कांग्रेस नेत्री नायक का आरोप है कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के आधार पर कई जिलों के कलेक्टर और मातहत कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं। कांग्रेसियों को मौखिक रूप से किसी तरह की शिकायत नहीं करने की समझाइश दे रहे हैं। मतगणना स्थल पर सिर्फ आब्जर्वर मोबाइल लेकर जा सकते हैं। कलेक्टर और एसपी को भी मोबाइल ले जाने की छूट नहीं रहेगी। हमने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस बात से अवगत करा दिया है। अगर कोई कलेक्टर या एसपी मोबाइल लेकर मतगणना स्थल पर प्रवेश करता है तो उनकी शिकायत तत्काल आब्जर्वर से की जाए।

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