Advertisement
राजनीति

राजस्थान भाजपा के पास नहीं है नंबर, फिर क्यों ला रही है कांग्रेस के गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव?

राजस्थान में सचिन पायलट की नाराजगी दूर होने के बाद से अशोक गहलोत सरकार पर संकट टल गया था। ऐसे में 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में गहलोत सरकार के विश्वास मत पर मुहर लगना तय था लेकिन ऐन वक्त पर बीजेपी ने भी दांव चलकर सबको हैरान कर दिया है। हालांकि आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के पास नंबर नहीं है। इसके बावजूद गुरुवार को पार्टी ने ऐलान किया है कि वह राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।

राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि जिस तरीक से उन्होंने मशक्कत की है शायद वो विश्वास मत का प्रस्ताव रखें लेकिन हम भी पूरी तरह से तैयार हैं अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए। ये सरकार हो सकता है कल सिर गिना दे लेकिन मुझे लगता है जनता की नजर में इस सरकार का जनमत गिर चुका है।

आइए समझते हैं कि राजस्थान विधानसभा में आंकड़ों का गणित किस तरह हो सकता है:

– राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं और बहुमत के लिए 101 विधायकों का समर्थन जरूरी है।

– सचिन पायलट की नाराजगी दूर होने के बाद उनके खेमे के 19 विधायक भी कांग्रेस के साथ आ गए है। इसके चलते पार्टी के पास अब 107 विधायकों का समर्थन है। इतना ही नहीं गहलोत ने दो विधायकों के निलंबन को भी वापस ले लिया है।

– माना जा रहा है कि मास्टर भंवरलाल मेघवाल बीमार होने के कारण सदन नहीं पहुंच पाएंगे। ऐसे में कांग्रेस के पास अपने पार्टी के 106 विधायकों का समर्थन होगा।

– कांग्रेस पार्टी के पास 10 निर्दलीयों, भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के दो, माकपा का एक विधायक कांग्रेस के साथ है।

-राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक सुभाष गर्ग भी कांग्रेस के पास है। ऐसे में कांग्रेस के मतों की संख्या 121 हो जाती है। वहीं पायलट खेमे के तीन निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस को वोट करते है तो कांग्रेस के पास 124 विधायकों का समर्थन होगा।

-इधर, भाजपा के पास राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायक और एक निर्दलीय का समर्थन मिलाकर 76 वोट हैं। ऐसे में बीजेपी का अविश्वास प्रस्ताव गिराना तय है।

आपको बता दें कि कांग्रेस में विलय होने वाले बहुजन समाज पार्टी के छह विधायक कल से शुरू होने जा रहे राजस्थान विधानसभा में विश्वासमत के दौरान वोटिंग कर पाएंगे। बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ अस्थाई रोक लगाने याचिका पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने राजस्थान की एकल पीठ पर यह फैसला छोड़ दिया है, जो इस मामले की सुनवाई कर रही है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से कहा गया था कि विधानसभा सत्र शुरू होने जा रहा है, लिहाजा वे इस मामले पर फौरन कदम उठाएं। लेकिन, आज सुनवाई के दौरान तीन जजों की पीठ ने कहा, हम इस केस में दखल नहीं देंगे क्योंकि हाईकोर्ट में पहले से ही इस मामले पर सुनवाई चल रही है।

error: Content is protected !!