बिलासपुर। ग्राम छतौना के सरपंच की मनमानी, थोड़े से लाभ के लिए निस्तारी तालाब को सुखा कर गहरीकरण कराये जाने की तैयारी कि जा रही है। सात हजार की जनसंख्या करती है दुबे तालाब का उपयोग। सूखा ग्रस्त घोषित होने के बावजूद ग्राम छतौना में तालाब का पानी बेवजह बहाय जाने से ग्रामवासियो में आक्रोश का माहौल बना हुआ है। जिसमे आज पूर्व सरपंच और ग्रामीणों के द्वारा जनदर्शन में शिकायत की गई।
ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 21 जिलो की 96 तहसीलों को सुख ग्रस्त घोषित किया गया है जिसमे तखतपुर तहसील भी शामिल है जहा तहसील अंतर्गत लगभग सभी ग्रामो को सुखा घोषित किया जिस क्रम में ग्राम छतौना का भी नाम उल्लेखित है। शासन द्वारा सूखा की समस्या को देखते हुए सूखाग्रस्त क्षेत्रो में पानी की समस्या के निदान कराने सभी तालाबो से सिंचाई को प्रतिबंधित किया गया है,जिसके बावजूद ग्राम छतौना में सरपंच रमेश साहू के द्वारा सूखे के मौसम में पानी से भरे निस्तारी तालाब को रोजगार गारंटी योजना का कारण बताकर मनमानी करते हुए तालाब की मेड़ काटकर नियम विरुद्ध पानी बहाया जा रहा है ।
जबकि सात हजार की जनसंख्या वाले छतौना ग्राम के निवासियों का निस्तारी खोदे गए दुबे तालाब से निरंतर किया जाता रहा है ,और सूखे के मौसम में भरे तालाब को केवल थोड़े से लाभ को देखते हुए शासन के निर्देशों का खुला उल्लंघन है। तालाब गहरीकरण में मिट्टी बेचने के खेल में सरपंच पर ग्रामवासियो के मन में भारी आक्रोश व्याप्त है जिसके कारण आगामी भविष्य में किसी अप्रिय घटना होने की संभावना बनी हुई है। तालाब की सुरक्षा और सूखे से बचने ग्रामवासियो ने जिलाधीश को मामले से अवगत कराने ज्ञापन सौंपा है।