जानिये सोनिया गांधी के मना करने के बावजूद प्रणव मुखर्जी ने क्यों की थी बाल ठाकरे से मुलाकात?
देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा के तीसरे खंड ‘द कोएलिशन ईयर्स:1996-2012’ में शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे से खुद की मुलाकात से जुड़े तथ्यों को पूरी तरह उजागर किया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा में इस बात का पुरजोर उल्लेख किया है कि साल 2012 राष्ट्रपति चुनाव के दौरान जब वो बाल ठाकरे से मिले थे तब सोनियां गांधी उनसे बहुत नाराज हुई थीं। क्यों कि सोनियां गांधी ने उन्हें बाल ठाकरे से मुलाकात नहीं करने की सलाह दी थी।
आपको बता दे की प्रणव दा ने अपनी किताब में लिखा है कि बाल ठाकरे की ओर से मुझे मातोश्री आने के कई संदेश मिले थे। इसके बाद NCP अध्यक्ष शरद पवार ने भी मुझे ठाकरे से मिलने की सलाह दी। प्रणव मुखर्जी ने यह लिखा हैं कि बाल ठाकरे से मिलना उनकी उम्मीदों से परे था। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि ठाकरे ने मातोश्री में उनके स्वागत की तैयारियां बहुत पहले से ही कर रखी थीं।
पूर्व राष्ट्रपति का मानना था कि अगर वो बाल ठाकरे से नहीं मिलते हैं, तो शायद उनका व्यक्तिगत बहुत अपमान होगा और फिर परंपरागत सहयोगी पार्टी के फैसले के विरूद्ध जाकर उन्हें समर्थन देने का ऐलान करना ये बहुत ही बड़ी बात है। इसलिए प्रणव दा ने बाल ठाकरे से मुलाकात की।