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क्राइमबिलासपुर

बिलासपुर में भी सजता है खुलेआम जिस्म का बाज़ार  रहवासी परेशान

बृहस्पति बाज़ार घरों में उपयोग होने वाले रोजमर्रा के समान मिलने का एक बहुत बड़ा स्थान है, जहाँ रोजगार की तलाश में रेजा, कुली और राज मिस्त्री प्रतिदिन सुबह 7 बजे से

बिलासपुर। शहर जिस तेज़ी से विकास कर रहा है वैसे ही मैट्रो सिटी के तरह जिस्म फरोशी का बाज़ार भी पैर पसारता जा रहा है प्रशासन से जल्द ही कोई ठोस क़दम उठाने की दरकार है। जिससे क्षेत्र में रहने वाले रहवासियो को समस्या से छुटकारा मिल सके।

शहर का हृदय स्थल कहे जाने वाला बृहस्पति बाज़ार घरों में उपयोग होने वाले रोजमर्रा के समान मिलने का एक बहुत बड़ा स्थान है, जहाँ रोजगार की तलाश में रेजा, कुली और राज मिस्त्री प्रतिदिन सुबह 7 बजे से 11 बजे तक काम मिलने की प्रतीक्षा करते रहते है,इस बीच कोई ठेकेदार आदि से मजदूरी दर निर्धारण कर काम पर चले जाते है, यह सिलसिला कई वर्षों से निरंतर जारी है। परन्तु मजदूरों की आड़ में विगत कुछ माह से असामाजिक महिलाओ द्वारा जिस्म फरोशी का धंधा चला रही है।

जिससे बृहस्पति बाजार के आस पास में रहने वाले मोहल्लेवासियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। देहड़ी मज़दूरी कर जीवन यापन करने वाले महिला मजदूरों की आड़ में खुलेआम जिस्म फरोसी के धंधे से मोहल्लेवासी भी बदनामी के साथ साथ शर्म महसूस हो रही है। यही नही मोहल्लेवासियों का कहना है कि बाजार के आसपास रहने वाले बच्चों और युवाओँ के बिगड़ने की पूरी संभावनाएं बानी हुई है, तथा लड़कियों का घर से निकलना भी दूभर हो चुका है।

मोहल्लेवासियो ने शासन,प्रशासन पर नाराजगी जाहिर करते हुए ताज़ख़बर36गढ़ से बात चीत में बताया कि बाजार से कुछ मीटर की दूरी पर संभाग के पमुख कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर एवं एस पी कार्यालय के साथ साथ तहसील एवं जिला न्यायालय होने के बावजूद शासन, प्रशासन के द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है।

बृहस्पति बाजार में रोजाना शहर के आसपास के रहने वाले मजदूरों के लिए मजदूरी मिलने का अस्थाई स्थान है जो कि सुबह 11 बजे तक मजदूरों के लिए समाप्त हो जाता है। परन्तु कुछ असामाजिक महिलाएं दोपहर तक ग्राहकों का इन्तिज़ार करते बैठी रहती है, और उनके साथ अपने अपने घरों से तैयार होकर आई कम उम्र की महिलाएं और लड़कियां भी साथ रहती है, जिन्हें मजदूरी से कोई लेना देना नही होता है।

धंधा कराने वाली महिलाओं के द्वारा देह व्यापार में लिप्त महिलाओ और लड़कियों के लिए ग्राहक तलाश कर उनके साथ भेजवाती है। जिसे खुलेआम देखा जा सकता है। यही नही स्थानीय लोगो ने बताया कि यह शरीफ घर की लड़कियों को भी कार सवारो के द्वारा 5 सौ व 2हजार के नोट दिखा कर भद्दा इशारा करते है।

वैसे तो अमूमन सुनने पढ़ने को मिलता है ज़िस्म फरोसी के धंधे में बाहरी लड़कियां ज्यादा संलिप्त है तथा कुछ एक मामले में कार्यवही भी होते रहती है, पर इस मामले में जितना गंभीर प्रशसन को होना चाहिए था वैसा नही प्रतीत होता है। शहर में कम उम्र की लड़किया भी इस तरह के कामो को करने में पीछे नही है। बिलासपुर जैसे शहर में देहव्यापार की गतिविधियां भावी युवा पीढ़ी के लिऐ उचित नही है।

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