सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बीआईटी-मेरसा, जामिया हमदर्द और पूसा जैसी संस्थाओं द्वारा खुद को ‘यूनिवर्सिटी’ बताए जाने पर ऐतराज जताया था
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 123 शैक्षणिक संस्थानों को अपने नाम से ‘यूनिवर्सिटी’ शब्द हटाने का निर्देश दिया है. यूजीसी के सर्कुलर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट एक आदेश के आधार पर यह निर्देश दिया गया है, जिसमें ‘डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी’ (मानित विश्वविद्यालयों) संस्थानों द्वारा अपने नाम के साथ ‘यूनिवर्सिटी’ लिखने पर सवाल उठाया गया था. इनमें दिल्ली स्थित भारतीय कृषि शोध संस्थान (पूसा), भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी), जामिया हमदर्द, करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी शोध संस्थान, देहरादून स्थित वन शोध संस्थान के अलावा बीआईटी मेसरा, बिट्स पिलानी और बेंगलुरू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम के तीन नवंबर के आदेश का जिक्र करते हुए यूजीसी ने इन संस्थाओं को एक महीने के अंदर अपने नाम से ‘यूनिवर्सिटी’ शब्द हटाने को कहा है. यूजीसी ने ‘डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी’ संस्थानों द्वारा अपने नाम के साथ ‘यूनिवर्सिटी’ शब्द के इस्तेमाल को यूजीसी अधिनियम-1956 की धारा-23 का उल्लंघन बताया है. यह उपबंध ‘यूनिवर्सिटी’ -*शब्द के इस्तेमाल की शर्तों से जुड़ा है. इसके साथ यूजीसी ने चेतावनी दी है कि जो संस्थान इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन पर यूजीसी (इंस्टीट्यूशंस डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटीज) रेगुलेशन-2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि, यूजीसी ने सभी 123 संस्थाओं को अपने नाम के साथ कोष्ठक के भीतर ‘डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी’ लिखने की इजाजत दी है. उधर, द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार कई संस्थानों के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे पहले से ‘डीम्ड टु बी यूनिवर्सिटी’ शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं. बरेली के इज्जतनगर स्थित इंडियन वेटेनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई) के डायरेक्टर आरके सिंह ने कहा कि यूजीसी के सर्कुलर से उनके संस्थान पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि उसके नाम के साथ ‘यूनिवर्सिटी’ शब्द का इस्तेमाल नहीं हो रहा था.