बिलासपुर – राजधानी रायपुर के करीब पहुँच रहे हाथियों के दल के कारण पिछली बार 2015 में बिलासपुर के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने NGT ( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल)में याचिका लगाई थी आज पत्रकार वार्ता में सुदीप ने बताया की सरकार हाथियों को लेकर चिंतित नहीं है, इस वजह से हांथी राजधानी के करीब पहुँचकर अपना विरोध दर्ज करा रहे है। हाथियों की समस्या से सुदीप फिर से NGT में आवेदन देकर अवगत कराएँगे।
सुदीप ने बताया की रायगढ़,जसपुर,कटघोरा,कोरबा और सरगुजा इतिहास में हाथियों का गढ़ होने के कारण उनका मूल निवास था। लेकिन बड़े बड़े उद्योगपतियो के द्वारा उनके मूल निवास जोकि घना जंगल था उसे काटकर कोयला उतघनंन किया गया जिसके कारण हांथी अपने जगहों को छोड़कर भटक गए। अब फिर से दुबारा उनकी अपने मूल निवास की तरफ वापसी की जा रही है । सरकारी आंकड़े के मुताबिक हथनी के द्वारा प्रजनन के कारण वर्तमान में उनकी संख्या 300 के करीब पहुच गया है।
अधिवक्ता सुदीप ने बताया की सरकार ने एनटीपीसी और एसईसीएल को कोयले के लिए 10-10 किलोमीटर में रेल लाईन बिछाने को दे दिया है जिससे हथनी के मार्ग अवरुद्ध हो गए है। पिछली बार केंद्र सरकार ने हाथियों के लिए अभ्यारण बनाने की बात कही थी पर अब तक अभ्यारण का अतापता नहीं है। अगर हन्थियो के लिए अंडरब्रिज या ओव्हर ब्रीज होता तो यह समस्या कम हो जाती।