बिलासपुर। खूंटाघाट से शहर को पेयजल देने के मामले में चल रहे विवाद का समाधान हो गया। सिंचाई विभाग ने नगर निगम को 31 मिलियन घन मीटर पानी देने की सहमति दे दी है। इसी आधार पर कलेक्टर ने भी निगम को सिंचाई विभाग की नहर किनारे अपनी पाइप लाइन डालने की अनुमति दी है।
शहर में पेयजल की आपूर्ति खूंटाघाट जलाशय से होगी। सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने इस मामले में आपत्ति कर दी थी। विभाग के उच्च अधिकारियों ने मंजूरी दे दिया है। पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता बताते हुए 31 मिलियन घन मीटर पानी आवंटन की स्वीकृति दे दी गई है। जल संसाधन विभाग के अपर सचिव याकूब खेस्स द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि निगम पानी लाने, इंटेक वाल बनाने जैसे तमाम काम का खर्च उठाएगा। इसके अलावा पानी का जो शुल्क सिंचाई विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है उसे निगम को भी पटाना होगा। निगम कितना पानी ले रहा है इसकी सिंचाई विभाग बकायदा जांच करेगा। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि अनुमति मिलने के 2 साल के भीतर निगम को बांध से पानी लाने की व्यवस्था करनी होगी। ऐसा नहीं कर पाए तो इस अनुमति को आगामी 2 साल के लिए कुछ शर्तों के साथ बढ़ाई जा सकती है। सिंचाई विभाग से अनुमति मिलते ही निगम ने तत्काल कलेक्टर से पाइप लाइन बिछाने की अनुमति भी प्राप्त कर ली है।
निगम ने पीएचई की पुरानी ड्राइंग डिजाइन में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब पानी सीधे बांध से लेने के बजाय नहर से ली जाएगी। ऐसा करने से बिना पंप किए ही पानी सीधे बिरकोना ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच जाएगा। यहां पानी को फिल्टर करके उसे पुराना अरपा पुल के पास से शहर पहुंचाया जाएगा।