Friday, November 22, 2024
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केंद्र सरकार की वादाखिलाफी को लेकर प्रदेश के हजारो किसान हाईकोर्ट की शरण

बिलासपुर। केंद्र सरकार की वादाखिलाफी को लेकर प्रदेश के करीब 10 हजार किसान हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। उन्होंने एक ज्ञापन हाईकोर्ट को सौंपते हुए पत्र याचिका के रूप में स्वीकार करने की गुहार लगाई है। किसानों का कहना है कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में फसल के लागत मूल्य में 50 प्रतिशत लाभ देने और किसानों की आय दोगुनी करने का झांसा देकर वोट ले लिया और चुनाव जीतने के बाद उनके साथ विश्वासघात कर रही है।

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ महासमुंद के बैनर तले प्रदेशभर के हजारों किसानों ने मंगलवार को राजीव गांधी चौक से पदयात्रा निकाली। वे महाराणा प्रताप चौक होते हुए बोदरी स्थित हाईकोर्ट पहुंचे। वे अपने साथ एक ज्ञापन लेकर गए थे। महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य पारसनाथ साहू का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों के साथ पक्षपातपूर्ण नीति अपनाने के चलते उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। कर्ज में दबने के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं। देश में आजादी के बाद महंगाई का बुरा असर किसानों पर पड़ रहा है, जबकि इसका असर अन्य वर्ग कर्मचारी, व्यापारी आदि को कम हो रहा है। इसलिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करना आवश्यक हो गया है। उनका कहना है कि आयोग का दर्जा न्यायालय के समतुल्य है, जिसे तत्कालीन व वर्ममान सरकार स्वामीनाथन आयोग के सुझाव को न मानकर न्यायालय की अवहेलना कर रही है।
25 प्रतिशत राशि से किसानों का कर्ज हो जाएगा माफ
महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य साहू का कहना है कि देश में हर साल औद्योगिक इकाइयों को जितनी कर्ज माफी दी जाती है, उसके 25 प्रतिशत मात्र से पूरे देश के किसानों को कर्ज मुक्त किया जा सकता है।
केंद्र व राज्य सरकार को आदेशित करने की गुहार
ज्ञापन में आग्रह किया गया है कि किसान आत्महत्या को रोक लगाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार को समुचित कदम उठाने आदेशित किया जाए। साथ ही उत्पादित अनाज के लागत मूल्य का निर्धारण किसानों को विश्वास में लेकर करते हुए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू व किसानों को कर्ज मुक्त कराया जाए।
27 जनवरी से पांच किसान आमरण अनशन पर

अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के पांच किसान 27 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं। इनमें रायगढ़ जिले के रायगढ़ निवासी राधेश्याम पिता स्व. घनश्याम प्रसाद शर्मा, महासमुंद जिले के बकमा निवासी जागेश्वर पिता नंदकुमार चंद्राकर, रायपुर जिले के सोनपरी के गजेंद्र सिंह पिता रमेश कोसले, महासमुंद जिले के झिलमिला निवासी तिलकराम पिता बरातू राम साहू व महासमुंद जिले के ही झलप के किसान कौशल पिता स्व. महेत्तर राम देवांगन शामिल हैं।

लगभग

300 किमी पदयात्रा कर पहुंचे हाईकोर्ट
अपनी 8 सूत्रीय मांगों के समर्थन में आमरण अनशन कर रहे पांच किसानों के साथ अन्य किसान महासमुंद से 7 फरवरी को पदयात्रा पर निकले। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए करीब 300 किमी पदयात्रा कर मंगलवार को वे हाईकोर्ट पहुंचे हैं।
ये हैं मांगें
1 स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार अनाज के लागत मूल्य में 50 प्रतिशत लाभकारी मूल्य जोड़कर समर्थन मूल्य घोषित किया जाए।
2 पूरे धान की खरीदी व महंगाई वृद्धि के अनुपात में हर साल 10 प्रतिशत वृद्धि कर इसे कानूनी प्रावधान दिया जाए।
3 छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पिछले दो साल का बोनस दिया जाए।
4 सभी सिंचाई पंपों को मुफ्त बिजली दी जाए।
5 साठ साल बाद सभी किसानों को 20 हजार रुपए पेंशन दी जाए।
6 कृषि को उद्योग का दर्जा देते हुए भूमिहीन किसानों को भूमि दी जाए।
7 पूरे देश के किसानों को कर्ज मुक्त किया जाए।
8 अकाल, सूखा कीट प्रकोप प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।
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