बिलासपुर। अन्तर्राज्यीय शराब तस्करी करने वाले गिरोह की तलाश में बीती रात उसलापुर रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस ने घेराबंदी कर मध्यप्रदेश से शराब लेकर आ रहे व्यक्ति को रंगे हाथ पकड़ने में बड़ी कामयाबी पाई है वही आरोपी के पास से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब की बोतल, नगद एवं वेगनआर कार भी बरामद की गई है।
मालूम हो कि जब से छत्तीसगढ़ शासन द्वार मदिरा विक्रय की जिम्मेदारी निजी स्वामित्व से स्वमं के आधिपत्य में लिया है तब से राज्य की सीमाओं से लगे दूसरे राज्य की शराब दुकानो और ठेकेदारों से मिली भगत और गिरोह बनाकर भारी मात्रा में शराब तस्करी का खेल किया जा रहा था। जिसे पकड़ने के लिए राज्य की पुलिस और आबकारी विभाग की टीम द्वारा लगातार सूचनाएं एकत्रित कर गिरोह को पकड़ने हर संभव प्रयास किया जा रहा था जिसके तहत बिलासपुर पुलिस को लगतार सूचना मिल रही थी कि मध्यप्रदेश से शराब की भारी मात्रा में तस्करी की जा रही है और ट्रेन के माध्यम से उसलापुर और बिलासपुर रेलवे स्टेशनों में उतार कर निजी कार से शहर और आसपास के इलाकों में खपा दिया जाता है। वहीँ पुलिस को पुख़्ता जानकारी मिली कि बुधवार रात्रि ट्रेन के माध्यम से मध्यप्रदेश से भारी मात्रा में शराब लाया जा रहा है जिसपर पुलिस ने उसलापुर रेलवे स्टेशन के बाहर तस्करों को पकड़ने घेराबंदी की गई काफी इन्तेजार के बाद उसलापुर रेलवे स्टेशन से एक व्यक्ति बड़े बेग के साथ बाहर आया और सफेद वेगनआर कार में बेग रखकर जाने लगा तभी पुलिस ने उसे धरदबोचा और पूछताछ की कार्यवाई की तो आरोपी शिवकुमार पिता हरिनाथ नागेश जिला अनूपपुर निवासी ने शराब तस्करी का जुर्म स्वीकार किया जिसके पास से पुलिस को 80 बोतल अंग्रेजी शराब, 71 हजार रुपये नगद एवं वेगनआर कार बरामद किया। जिसके खिलाफ पुलिस भादवी की धारा 34(2) एवं 59क के तहत अपराध पंजीबद्ध कर पूछताछ कर रही है।
आरपीएफ और जीआरपीएफ की भूमिका संदेहास्पद
ट्रेनों में शराब के बड़े पैमाने पर तस्करी की घटनाओं ने आरपीएफ और जीआरपीएफ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। रेल प्रशासन अपराध रोकने के लिए करोड़ो का बजट देती है इसके बावजूद अवैध तस्करी के घटनाओं पर अंकुश नही लगाए जाने से आरपीएफ और जीआरपीएफ की पोल खुलते दिखाई दे रही है।