ऑपरेशन थियेटर में प्रसव पीड़ा से 4 घंटे तक तड़पती रही लेकिन नहीं आए डॉक्टर, महिला व नवजात की मौत
बिलासपुर। सिम्स के डॉक्टरों की मनमानी से सोमवार की सुबह एक गर्भवती महिला व नवजात की मौत हो गई। महिला प्रसव पीड़ा से 4 घंटे तक तड़पती रही लेकिन ऑपरेशन करने कोई डॉक्टर नहीं पहुंचा। यही नहीं मामले को दबाने के लिए सुबह बिना पोस्टमार्टम किए ही परिजनों को दोनों शव देकर घर भेज दिया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करगीकोटा जोगीपुर निवासी निर्मला यादव उम्र 27 वर्ष अपने पति मनोज यादव व परिजनों के साथ प्रसव कराने रविवार की रात जिला अस्पताल पहुंची थी। यहां से उसे सिम्स रिफर कर दिया गया। यहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों ने ऑपरेशन की जरुरत बताई और ऑपरेशन थियेटर ले गए। इसके बाद सीनियर डॉक्टर को सूचना दी लेकिन वे नहीं पहुंचे। इस बीच महिला 4 घंटे तक प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। ऑपरेशन नहीं होने की वजह से देर रात करीब 2 बजे महिला व गर्भ में पल रहे बच्चे ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने किया हंगामा लेकिन कोई जिम्मेदार अफसर नहीं पहुंचा महिला व बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया। इसके बाद भी सिम्स प्रबंधन की नींद नहीं टूटी और कोई भी जिम्मेदार अफसर अस्पताल नहीं पहुंचा।
मामले को दबाने के लिए ही पोस्टमार्टम नहीं कराया
परिजनों के हंगामे को देखते हुए रात में ही सारे दस्तावेजों को जूनियर डॉक्टरों ने पूरा करा लिया। इसके बाद आनन-फानन में महिला व बच्चे का शव परिजनों को सौंप दिया। मामले को पूरी तरह से दबाने की कोशिश की गई। यही वजह है कि पोस्मार्टम तक नहीं कराया गया और न ही सिम्स चौकी में इसकी जानकारी दी गई। शव वाहन नहीं मिला तो ऑटो से ले गए सुबह 5 बजे तक परिजन दोनों शव को लेकर जिम्मेदार अफसरों का इंतजार करते रहे। जब कोई नहीं आया तो वे दोनों शव को ले जाने की व्यवस्था करने लगे। इस दौरान उन्हें सिम्स से शव वाहन भी नहीं मिल पाया। इसके बाद वे ऑटो से शव को ले गए।