चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश राजस्थान और मिजोरम में मतदाता सूची जैसी चुनाव संबंधी गतिविधियों का नियामक ऑडिट करने का फैसला किया है। इन चारों राज्यों में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने इन राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि मतदाता सूचियों, मतदान केंद्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को रखे जाने की व्यवस्था जैसी चुनाव संबंधी गतिविधियों का विस्तृत नियामक ऑडिट किया जाएगा।
आयोग ने कहा कि व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं चुनावी भागीदारी या एसवीईईपी गतिविधियों, बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) का प्रशिक्षण सहित अन्य का भी ऑडिट किया जाएगा। कई ऑडिट टीमें जल्द ही इन राज्यों का दौरा करेंगी। पत्र में कहा गया है, ”आपको सूचित किया जाता है कि आयोग इन ऑडिट टीमों के जरिए मतदाता सूची प्रबंधन एवं विभिन्न अन्य गतिविधियों के लिए चुनाव आयोग के निर्देशों/वैधानिक प्रावधानों के निपटारे की निगरानी करेगा और मतदाता सूचियों की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी कदम उठाएगा।
आयोग ने कहा कि इन ऑडिट टीमों की जिम्मेदारी होगी कि वे चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों या कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं करने के मामलों का पता लगाएं और क्षेत्र में तैनात मशीनरी के जरिए सुधारात्मक कदमों से ऐसे मामलों में प्रगति पर नजर रखें। आदेश के मुताबिक, ”अपने दौरे के दौरान ऑडिट टीमें मतदाता सूची प्रबंधन के हर पहलू पर बारीकी से गौर करेगी।
मुख्य चुनाव अधिकारियों को संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश देने के लिए कहा गया है कि वे ऑडिट टीमों की ओर से मांगी जा रही सूचना या स्पष्टीकरण उसी दिन तत्काल मुहैया कराएं। बहरहाल, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वी.एल.कंाता राव की अध्यक्षता वाले मध्य प्रदेश मुख्य चुनाव कार्यालय ने चुनाव आयोग से कहा है कि वह दौरे को टाल दें।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा है कि राज्य में मतदाता सूची को अंतिम रूप देने का काम इस महीने के अंत में पूरा होने वाला और उन्हें इसके बाद दौरा करना चाहिए। भोपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लडऩे वाले कार्यकर्ता अजय दूबे ने कहा कि चुनाव आयोग के पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार ऑडिट निश्चित तौर पर होना चाहिए।