आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल मंगलवार को संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश होंगे. इस मीटिंग में कई अहम मुद्दों पर उनसे जवाब तलब किए जा सकते हैं. बताया जा रहा है कि यहां नोटबंदी और उसके असर को लेकर भी चर्चा होगी. सूत्रों की मानें तो संसदीय समिति आरबीआई गवर्नर से जिन पक्षों पर उनका जवाब मांगेगी, उसमे नोटबंदी, एनपीए, इकनॉमी आदि शामिल है. इस दौरान उर्जित पटेल नोटबंदी से इकनॉमी पर हुए असर को संसदीय समिति के सामने खुलकर रख सकते हैं.
बताया जा रहा है कि आरबीआई गवर्नर और संसदीय समिति के बीच होने वाली इस मीटिंग में पिछले कई दिनों से चल रहे मतभेदों पर भी चर्चा की जाएगी. जिन भी मुद्दों पर आरबीआई और सरकार के बीच अनबन की स्थिति बनी हुई थी उन पर भी उर्जित पटेल अपना पक्ष रख सकते हैं. इसस पहले भी एक केंद्रीय बैंक बोर्ड की एक बैठक कई घंटे तक चली थी. जिसमें आरबीआई के रिजर्व और लिक्विडिटी को लेकर गंभीर चर्चा की गई थी. इस बैठक में सरकार और आरबीआई के बीच कुछ मसलों पर सहमति भी बनी थी. हालांकि कुछ मुद्दों पर आरबीआई और बोर्ड की असहमत भी थे, बताया जा रहा है कि इन मुद्दों को एक बार फिर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के सामने रखा जा सकता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ टकराव करने के बाद आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार ने इसके बाद यू-टर्न ले लिया था. पहले सवाल उठ रहा था कि क्या सरकार आरबीआई के काम में दखल दे रही है. इसके तुरंत बाद सरकार की तरफ से कहा गया था कि RBI एक्ट के दायरे में रिजर्व बैंक को ऑटोनॉमी मिली है, जोकि जरूरी है और ये सबको मंजूर है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि भारत की तमाम सरकारें इस ऑटोनॉमी का सम्मान करती रही हैं, सरकार और रिजर्व बैंक दोनों जनहित और भारतीय इकनॉमी के हित के अनुसार काम करती हैं.