जरा सोचें कि आप सडक़ पर अपने वाहन के साथ घूम रहे हैं, लेकिन आप अपने वाहन के दस्तावेज इत्यादि घर पर भूल गए हैं तो आपकी सबसे बड़ी चिंता होगी कि यातायात पुलिस का कोई सिपाही आपको ना रोक ले, क्योंकि आपको चालान कटने का डर होगा या फिर आपको हो सकता है कि कुछ रिश्वत खिलानी पड़े। इस दौरान आपका सडक़ से ध्यान भी भंग हो सकता है।
लेकिन जरा सोचिए कि आपके मोबाइल में सारे दस्तावेज मौजूद रहें, तो आपके लिए सडक़ पर वाहन लेकर निकलना कितना तनावमुक्त होगा। दूसरा आपको मूल दस्तावेज के गुम होने का डर भी नहीं रहेगा। आपकी इसी समस्या के समाधान के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे कानून अनुपालन करने वाली एजेंसियों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन के पंजीकरण, बीमा इत्यादि से जुड़े दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में स्वीकार करना शुरू करें।
केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों के लिए परिचालन की मानक प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी कीं। इसमें कहा गया है कि वाहन स्वामी ड्राइविंग लाइसेंस और बीमा प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेजों को डिजिलॉकर और एमपरिवहन जैसे मोबाइल एप पर भी दिखा सकते हैं।
इसमें कहा गया है कि इसी तरह यातायात पुलिस और परिवहन विभाग जैसी कानून अनुपालन एजेंसियां भी ई-चालान एप से इन दस्तावेजों की पुष्टि कर सकेंगी, क्योंकि इस एप में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन दस्तावेजों के ऑनलाइन सत्यापन के लिए आंकड़े मौजूद हैं। मंत्रालय के अनुसार इससे कानून अनुपालन एजेंसियों को चालान काटने के बाद दस्तावेजों को संभालने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। वहीं नागरिकों को भी चालान जमा करने के बाद दस्तावेजों को वापस लेने की परेशानी से निजात मिलेगी।