जगदलपुर। बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए सभी तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली गयी है। इस बार करीब 200 से अधिक मतदान दलों को हेलिकाप्टर से केन्द्रों में भेजा जायेगा, वहीं मतदान दल को आठ से दस किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ेगी। शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए अब तक 25 हजार से अधिक अर्धसैनिक बल बस्तर में पहुंच चुके हैं। पहली बार चुनाव के दौरान इजरायली तकनीक के मानव रहित यान (यूएवी) का इस्तेमाल बेहद कारगर साबित हो रहा है।
आईजी ने बताया कि इस बार भी बुलेट पर बैलेट भारी पड़ेगा। बस्तर, आंध्र, ओडि़सा और छत्तीसगढ़ सीमाओं पर सभी प्रदेश के जवान अलग-अलग जगह तैनात हैं और चारों राज्यों में चुनाव के दौरान नोडल अफसर नियुक्त किये गए हैं। इसके साथ ही हेलिकॉप्टर से भी निगरानी रखी जा रही है। मतदान के दिन ड्रोन से भी निगरानी रखी जायेगी, अंदरूनी इलाकों में बेखौफ मतदान कराने के लिए जवानों के साथ ग्राम प्रमुख गांव – गांव घूमकर वोट डालने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिसका अच्छा खासा असर देखा जा रहा है।
सिन्हा ने बताया कि बस्तर लोकसभा चुनाव में शांतिपूर्ण मतदान कराने के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बल, कोबरा बटालियन, सीमा सुरक्षा बल, तिब्बत सीमा सुरक्षा बल, छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स सहित अन्य स्थानीय पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि बस्तर लोकसभा में 814 अतिसंवेदनशील, 782 संवेदनशील मतदान केन्द्र हैं, जिसमें सर्वाधिक अतिसंवेदनशील कोंटा विधानसभा क्षेत्र में हैं, यहां कुल 198 अतिसंवेदनशील हैं। कई मतदान केन्द्रों पर सुरक्षा के लिए एक प्लाटून से अधिक अर्धसैनिक बल तैनात किये जायेंगे। मॉडल संसाधनों से लैस चार नैनो ड्रोन जगदलपुर बेस से संभाग के संवेदनशील इलाकों में लगातार उड़ान भर रहे हैं।
नक्सल ठिकानों की पुख्ता सूचनाएं कंट्रोल सेंटर को उपलब्ध करवायी जा रही हैं। बीते वर्ष सरकार के प्रस्ताव पर एनटीआरओ नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गनाइजेशन ने जगदलपुर में यूएवी बेस सेंटर बनाया है। साथ ही रक्षा विभाग द्वारा नक्सल इलाकों की हवाई निगरानी के लिए इजराइल से आयातित नैनो ड्रोन मुहैया करवाए गए हैं। चार ड्रोन स्थानीय नियंत्रण सेंटर से जरूरत अनुसार उड़ान भर रहे हैं।