यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को जांच कर रही तीन सदस्यीय कमेटी ने क्लीन चिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की कमेटी ने इस मामले में सोमवार को कहा कि वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं.
यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को जांच कर रही तीन सदस्यीय कमेटी ने क्लीन चिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की इन हाउस कमेटी ने इस मामले में सोमवार को कहा कि वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं.
जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की कमेटी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत को खारिज कर दिया. जस्टिस बोबडे के अलावा सुप्रीम कोर्ट इस इन हाउस कमेटी में जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी दो अन्य सदस्य हैं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है. ये रिपोर्ट सीजेआई के अलावा वरिष्ठ जजों को भी सौंप दी गई है.
इससे पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला इस मामले की सुनवाई कर रही जजों की समिति पर सवाल खड़े कर चुकी हैं. महिला ने समिति पर यौन उत्पीड़न अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. महिला का आरोप था कि समिति द्वारा मुझसे बार-बार पूछा गया कि यौन उत्पीड़न की शिकायत मैंने क्यों देर से की.
इससे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित तीन जजों की आंतरिक जांच समिति से जस्टिस एनवी रमण ने खुद को अलग कर लिया था. दरअसल, आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी ने इस समिति में जस्टिस एनवी रमण को शामिल किए जाने पर ऐतराज जताया था.