Sunday, December 22, 2024
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छत्तीसगढ़: गोठान के संवरने से फसलों की होगी सुरक्षा…भूपेश बघेल…मुख्यमंत्री ने अमोरा के आदर्श गोठान का किया भ्रमण

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जांजगीर-चाांपा जिले के विकासखण्ड नवागढ़ के ग्राम अमोरा में बनाए गए आदर्श गोठान का भ्रमण कर कोटना, पानी की व्यवस्था, शेड, चारागाह आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने गायों की पूजा की और चारा भी खिलाया तथा गोठान परिसर में पीपल, जामुन, आम के पौधे रोपे। मुख्यमंत्री ने गोठान में लगे पुराने बरगद पेड़ के नीचे गोठान समिति के सदस्य, गांव के जनप्रनिनिधि व ग्रामीणों से गोठान प्रबंधन के संबंध में चर्चा की।

बघेल ने कहा कि गांव की समृद्धि की पहचान गायों से है। मवेशियों के होने से ही फसल उत्पादन में वृद्धि संभव है। गोठान में गायों के रहने से खेत में लगी फसल सुरक्षित रहेगी। इसके लिए खेत को घेरने की आवश्यकता नहीं होगी। गोठान में पानी, चारा, छांव आदि की व्यवस्था होने से मवेशी गोठान की ओर आकर्षित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठान में चरवाहो की नियुक्ति की जाएगी। जिसके लिए मानदेय की व्यवस्था भी गोठान की आमदनी से होगी। गायों के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जाएगा। जैविक खेती के लिए इस खाद की विशेष मांग है। इसे अब किलो के भाव से बेचकर अधिक आमदनी ली जा सकेगी। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने गरूवा, घुरवा, नरवा और बाड़ी के बेहतर प्रबंधन के लिए ग्रामीणों से सुझाव भी लिये और ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समिति के माध्यम से कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

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दही लूट के प्रसंग से बताया दूध का महत्व

मुख्यमंत्री ने दूध के महत्व को बताते हुए कहा कि दूध हमारे शरीर के लिए लाभदायक है। शरीर को सुपोषित करता है। दूध बेचकर किसान अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कृष्ण लीला में माखन चोरी के प्रसंग की चर्चा भी की। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि राज्य से बाहर ले जा रहे माखन, दूध को रोकने के लिए भगवान कृष्ण ने माखन लूट की योजना बनाई थी। भगवान कृष्ण अपने राज्य के बच्चों को माखन व दूध देना चाहते थे। माखन, दही व दूध के बाहर ले जाने से उनके राज्य के बच्चे वंचित हो रहे थे। उन्होंने इस प्रसंग के साथ शराब जैसे दुर्व्यसन से दूर रहने की भी सलाह ग्रामीणों को दी।
जैविक खाद से बनी रहेगी भूमि की उर्वरता

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को जैविक खाद का महत्व बताया। खाद मवेशियों के गोबर से ही स्थानीय स्तर पर तैयार हो जाता है। इससे जमीन की उर्वरता बढ़ती है। फसल में बीमारी कम होने से दवाइयों का खर्च भी कम होता है। रसायनिक खाद की तुलना में जैविक खाद सस्ता है। रासायनिक खाद के उपयोग से जमीन की उर्वरता कम होती है और फसलों में बीमारी भी अधिक होती है।
चारादान के लिए किया प्रेरित

मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि फसल अपशिष्ट पैरा को खेत में जलाकर नष्ट न करें। पैरा को गोठान में दान करे। इससे गोठान में चारा की व्यवस्था हो जाएगी। पैरा को खेत में जलाने से भूमि की उर्वरा कम होती है और पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है। गोठान में मवेशियों के लिए चारा भी उगाया जाएगा। इसके लिए शासकीय भूमि का चिन्हांकन किया जा रहा है।

गोठान भ्रमण के दौरान स्कूल शिक्षा और जिले के प्रभारी मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, चन्द्रपुर विधायक रामकुमार यादव, नवागढ़ जनपद के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह, ग्राम पंचायत सरपंच एव गोठान समिति के अध्यक्ष रामकृष्ण कश्यप, कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक, पूर्व विधायक मोती लाल देवांगन, चुन्नीलाल साहू, जिला पंचायत के पूर्व सदस्य दिनेश शर्मा सहित ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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