बिलासपुर। बिलासपुर तहसील के अंतर्गत मंगला में निजी जमीन का रकबा बढ़ाने के मामले में जांच बिठा दी गई है। एसडीएम देवेंद्र पटेल का कहना है कि किसी भी जमीन का रकबा बढ़ना गंभीर बात है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम पटेल ने बताया कि मंगला पटवारी हल्का नंबर 21/33 में अलग-अलग टुकड़ों में दर्ज 15 डिसमिल जमीन का रकबा 9 डिसमिल बढ़ाने की शिकायत मिली है। इस मामले में तहसीलदार को जांच अधिकारी बनाया गया है।
जानिए क्या है मामला
मंगला पटवारी हल्का नंबर 21/33 में स्थित तीन अलग-अलग खसरा नंबर में 5-5 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री सत्र 1987 में दो व्यक्तियों के नाम पर हुई। इसमें दो जमीन एक व्यक्ति और एक जमीन उसकी मां के नाम पर रजिस्ट्री कराई गई। इस जमीन का 1998 में डायवर्सन हुआ। फिर उस पर निर्माण करा लिया गया। इस बीच महिला की मौत हो गई। अलबत्ता, यह जमीन फौती उठाने पर उसी व्यक्ति के नाम पर चढ़ गई, जिसने 1987 में 5-5 डिसमिल जमीन खरीदी थी। इसके साथ ही उसके नाम पर कुल 15 डिसमिल जमीन चढ़ गई। 2017-18 में उस व्यक्ति ने राजस्व अफसरों के साथ मिलकर खेल खेला। उस समय के बिलासपुर तहसीलदार ने आंख मूंदकर उसका साथ दिया और 5-5 डिसमिल रकबे में 3-3 डिसमिल और चढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। मंगला पटवारी ने भी साहब के आदेश का पालन करते हुए रिकार्ड भी दुरुस्त कर दिया। इसके बाद उस व्यक्ति ने अधिक रकबा के साथ यह जमीन उस बिल्डर को बेच दिया, जो जमीन के फर्जीवाड़ा के मामले में पति-पत्नी समेत जेल की हवा खा चुका है।
इसे भी पढ़े… बिलासपुर: तहसीलदार का बड़ा कारनामा उजागर…करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन को अन्य रकबे में चढ़वाया…