निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों की फांसी टलवाने की सारी कोशिश नाकाम हो गई। दिल्ली हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्भया गैंगरेप के दोषियों की फांसी के खिलाफ याचिका गुरूवार और शुक्रवार की आधी रात को ठुकरा दी। जिसके बाद अब निर्भया के चारों दोषियों की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई।
निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांसी के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि आखिरकर उन्हें लंबे संघर्ष के बाद फांसी दे दी गई। उसके जाने के बाद हमने लड़ाई शुरू की, यह संघर्ष उसके लिए था और ये भविष्य में हमारी बेटियों के लिए जारी रहेगा। मैं बेटी की तस्वीर को गले लगाया और कहा कि आखिरकार तुम्हें इंसाफ मिला।
निर्भया के गुनहगारों की फांसी के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि उन्हें इस घड़ी के लिए सात साल से इंतजार था। उन्होंने इस फैसला पर खुशी जताते हुए कहा कि आज हमारे लिए ही नहीं देश के लिए भी बड़ा दिन है।
चारों दोषी- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को पहली बार निर्भया गैंगरेप केस में साल 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि साल 2012 में दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में चलती बस में 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ 6 दरिदों ने सारी हदें पार करते हुए उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। निर्भया को इलाज के लिए देश से बाहर भी ले जाया गया, लेकिन वह नहीं बच पाई। इस झकझोर देने वाली घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था।