रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरे देश में लागू लॉकडाउन की स्थिति में देश के विभिन्न राज्यों और राज्य के अनेक स्थानों, संस्थानों में फंसे श्रमिकों के समस्याओं का समाधान कर प्रशंसनीय कार्य किया है। उल्लेखनीय है कि 31 मार्च की स्थिति में लगभग 6 हजार 937 श्रमिक कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए घोषित लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे हुए थे।
मुख्यमंत्री बघेल के मार्गदर्शन में अनेक राज्यों में फंसे श्रमिकों की रहने-खाने की उचित व्यवस्था हो इसके लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। संकटग्रस्त श्रमिकों के लिए कारखाना प्रबंधकों, ठेकेदारों से सम्पर्क कर कारखानों में नियमित निरीक्षण कर रहने-खाने की सुविधाएं जुटाई जा रही है। चूनौतीपूर्ण और संकट की घड़ी में राज्य सरकार प्रयास प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव के मार्गदर्शन में वर्तमान विषम परिस्थिति में प्रदेश के नागरिकों के हित में उचित निर्णय लेकर एक ओर जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है। श्री बघेल की अपील पर लॉकडाउन की स्थिति में आम नागरिकों द्वारा राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों का स्वर्स्फूत पालन तारीफ के काबिल भी है।
राज्य सरकार देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के लगभग 6 हजार 934 श्रमिकों का विभिन्न माध्यमों से पहचान कर उनके लिए भोजन, ठहरने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के 22 जिलों के श्रमिक 20 अन्य राज्यों में फंसे होने की जानकारी मिली है, इनमें महाराष्ट्र में 2 हजार 98, उत्तरप्रदेश में 2 हजार 679, जम्मू में एक हजार 363, तेलंगाना में एक हजार 743, गुजरात में एक हजार 447, कर्नाटक में 551, आंध्रप्रदेश में 187 श्रमिकों की पहचान कर भोजन, ठहरने तथा अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया गया। इसी प्रकार पंजाब में 143, ओड़िशा में 226, मध्यप्रदेश में 346, दिल्ली 167 श्रमिक जो लॉकडाउन के कारण फंसे हुए थे उनके लिए भी स्थानीय अधिकारियों से समन्वय कर सभी आवश्यक व्यवस्था की गई। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार लॉकडाउन में फंसे सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के 2 हजार 902, कबीरधाम के 2 हजार 857, राजनांदगांव के एक हजार 114, जांजगीर-चांपा के एक हजार 57, बलौदाबाजार के 895, बेमेतरा के 659, रायगढ़ के 457, बिलासपुर के 455, बलरामपुर के 209, महासमुंद के 205 और कोरबा जिले के 188 श्रमिक फंसे हुए हैं।
लॉकडाउन से प्रभावित छत्तीसगढ़ प्रदेश के अन्य राज्यों फंसे स्थानीय मजदूरों राज्य सरकार प्रदेश के संकटग्रस्त एवं जरूरतमंद श्रमिकों-कर्मकारों को आवश्यकता के अनुसार तत्कालिक सहायता प्रदान करने के लिए हेतु राज्य के नोडल अधिकारी एवं श्रम सचिव के मार्गदर्शन में 11 हजार 584 श्रमिकों को श्रम विभागीय अधिकारी एवं जिला प्रशासन अधिकारियों द्वारा अन्य राज्यों के अधिकारियों और संबंधित नियोक्ताओं एवं संबंधित श्रमिकों से समन्वय कर खान-पान एवं आवास की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।