Tuesday, November 4, 2025
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किसान आंदोलन: अन्ना हजारे ने कहा- ‘किसानों के लिए जीवन का आखिरी अनशन करूंगा’, BJP ने मांगा समय…

नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर लेकर पंजाब-हरियाणा के किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं। सरकार भी बातचीत के जरिए समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रही है लेकिन किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को आठ पन्नों का खत लिखकर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से खास अपील भी की थी लेकिन किसानों ने उनकी बात मानने से मना कर दिया तो वहीं समाजसेवी अन्ना हजारे के एक खत ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है।

अन्ना से मिले बीजेपी नेता, अनशन ना करने अपील की, मांगा समय

दरअसल 83 वर्ष के अन्ना हजारे ने किसानों के आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार को एक बार फिर चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि कृषि मंत्री ने जो लिखित आश्वासन दिया था उसका पालन नहीं किया गया है इसलिए मैं अपने जीवन का आखरी अनशन फिर से शुरू करूंगा जिसे कहां करना है, जगह मिलने पर दिल्ली में मुंबई में या मेरे गांव में यह मैं बताऊंगा, जिसके बाद दिल्ली में हलचल पैदा हो गई है इसलिए कल कुछ बीजेपी नेताओं ने अन्ना से मुलाकात की थी।

‘थोड़ा सा समय दीजिए आपको अनशन की जरूरत नहीं पड़ेगी’

इस बारे में बात करके हुए अन्ना ने एक न्यूज चैनल से कहा कि कुछ लोग आए थे मुझसे मिलने, उन्होंने मुझसे कहा है कि थोड़ा सा समय दीजिए आपको अनशन की जरूरत नहीं पड़ेगी , आप इस आंदोलन में शामिल मत होइए । बता दें कि अन्ना को समझाने के लिए बीजेपी के राज्यसभा सांसद भागवत कराड और महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे को उनके गांव रालेगणसिद्धि भेजा गया था। अन्ना ने कहा कि उनसे मिलने आए नेताओं ने उनसे थोड़ा वक्त मांगा है।

‘सीमा पर बैठे किसान देश के नागरिक हैं, कोई पाकिस्तानी नहीं’

मालूम हो कि इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा था कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वो केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के समर्थन में जनांदोलन शुरू करेंगे,लोकपाल आंदोलन ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को हिला दिया था, मैं किसानों के विरोध प्रदर्शनों को उसी तर्ज पर देखता हूं, भारत बंद के दिन, मैंने किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास भी किया था, अगर सरकार किसानों की बातें नहीं सुनेगी तो पूरे देश में जनांदोलन होगा। सीमा पर बैठे किसान देश के नागरिक हैं, कोई पाकिस्तानी नहीं, जो सरकार उनकी बात नहीं सुन रही।

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