छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच सुबह से रात तक तलवारें खींची रही। छत्तीसगढ़ पुलिस और कांग्रेस नेताओं का दबाव बढ़ता रहा। आखिरकार 14 घंटे तक चले ड्रामा के बाद नोएडा पुलिस ने एक जी न्यूज चैनल के एंकर रोहित रंजन को मंगलवार की रात को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उन्हें कथित तौर पर राहुल गांधी का ‘भ्रामक’ खबर चलाने के आरोप में हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद उन्हें जमानत पर रिहा भी कर दिया। एंकर की गिरफ्तारी के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस व कांग्रेसी नेता दबाव बनाते रहे। इस ड्रामे से इतना संकेत तो मिल ही गया कि यूपी पुलिस ने एंकर को रायपुर पुलिस के कब्जे से बचा लिया। इस मामले में छत्तीसगढ़ का सियासी पारा भी गर्म है। पूर्व सीएम डॉ. रमन ने छत्तीसगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
बता दें कि राहुल गांधी के बयान को गलत संदर्भ में दिखाते हुए एक समाचार प्रसारित करने के मामले में गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित न्यू स्कोटिस सोसाइटी निवासी रोहित रंजन को नोएडा पुलिस ने सुबह हिरासत में लिया था। रायपुर पुलिस भी रोहित को गिरफ्तार करने पहुंची थी। यहां पर नोएडा और रायपुर पुलिस के बीच विवाद हो गया था। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक पुलिस की टीम मंगलवार सुबह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंची थी। इस पूरे ड्रामे से इतना संकेत तो मिल ही गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस रोहित रंजन को रायपुर पुलिस के कब्जे से बचा लिया। राहुल गांधी के बयान को ‘गलत संदर्भ’ में दिखाने के मामले में रोहित रंजन के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
यूपी में छत्तीसगढ़ पुलिस को सहयोग नहीं मिला
रायपुर के सीएसपी उदयन बिहार ने इंदिरापुरम थाना इंस्पेक्टर देवराज सिंह को शिकायत सौंपी, जिसमें सब इंस्पेक्टर विजय ढाका और अनुज कुमार कलानी समेत 10-12 पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन पुलिसकर्मियों ने रायपुर पुलिस की कार्रवाई और जांच में सहयोग नहीं किया। वारंटी की गिरफ्तारी नहीं होने दी और सरकारी कार्य में बाधा डाली। रायपुर एसपी प्रशांत अग्रवाल ने मांग की है कि रोहित रंजन को हमें सौंप जाए। मेरठ रेंज आईजी और गाजियाबाद SSP को कॉपी भेजी गई। छत्तीसगढ़ पुलिस की शिकायत पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है।
रात तक इंतजार करती रही छत्तीसगढ़ पुलिस
एडीसीपी रणविजय सिंह के मुताबिक न्यूज एंकर रोहित रंजन के खिलाफ सेक्टर-20 थाने में एक केस आईपीसी की धारा 505 में दर्ज है। इसी मामले में पूछताछ के लिए रोहित को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान उनके खिलाफ सबूत मिलने पर रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उनके खिलाफ जमानती धाराएं लगी थी, जिसके चलते उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया। नोएडा पुलिस का कहना है कि “रोहित रंजन पर एक मुकदमा पहले से दर्ज है, इसलिए हम पहले गिरफ्तार करके ले जाएंगे। इधर रायपुर पुलिस सुबह से लेकर रात तक गिरफ्तारी का इंतजार करती रह गई।
न्यूज चैनल ने गलत ढंग से खबर दिखाया था
इस पूरे मामले में आरोप यह है कि जिस वीडियो में राहुल गांधी ने उनके वायनाड कार्यालय में तोड़फोड़ करने वालों को बच्चा बताया था और कहा था कि उनके मन में उनके लिए कोई दुर्भावना नहीं है। उसे टीवी चैनल ने एक जुलाई को ‘शरारतपूर्ण ढंग से’ इस्तेमाल किया और ऐसा दिखाया कि राहुल गांधी ने राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल के हत्यारों को माफ करने की बात कर रहे हैं। इस घटना के बाद रोहित रंजन ने अपने टीवी कार्यक्रम में गांधी के बयान को ‘गलत संदर्भ में’ भूलवश उदयपुर की घटना से जोड़कर दिखाने के लिए 2 जुलाई को माफी भी मांगी थी। भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की तहरीर पर यह एक्शन हुआ है। अब रायपुर पुलिस इस मामले में कानूनी राय लेकर आगे बढ़ेगी।