छत्तीसगढ़ सरकार के घोषणा पत्र में शामिल चिटफंड कम्पनियों (Chitfund Compnys) द्वारा जनता से जमा कराए गए पैसों की वापसी के लिए पुलिस प्रशासन लगातार प्रयास कर रही है। जिसके तहत कम्पनियों के सम्पत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की जा रही है। दुर्ग जिले में चिटफंड कंपनी शुष्क इंडिया में निवेश करने वालों के लिए राहत की खबर है। जिले के निवेशकों को उनकी राशि जल्द वापस होने जा रही है। जिला प्रशासन ने इस कंपनी की संपत्ति को नीलाम कर दिया है। जिसके माध्यम करके 2 करोड़ 56 लाख रुपए जुटाए हैं। अब इस राशि से दुर्ग जिला प्रशासन जल्द शुष्क इंडिया एवं साइनिंग स्टार इंफ्रास्टेट चिटफंड कंपनी के निवेशकों को राशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
छ.ग. के इन जिलों में इतनी संपत्ति हुई कुर्क
शुष्क इंडिया के कम्पनी के संचालकों ने निवेशकों से पैसे जमाकर प्रदेशभर में अपनी सम्पति खरीदी। जिसमें जिला महासमुंद द्वारा कंपनी के स्वामित्व की संपत्ति नीलामी कर 18 लाख 85 हजार रुपए, कलेक्टर बलौदाबाजार ने 28 लाख रुपए सहित कुल 46 लाख 85 हजार रुपए जिला कलेक्टर दुर्ग को भेजा है। 30 जुलाई 2022 को कलेक्टर रायपुर ने कंपनी के स्वामित्व वाली संपत्ति ग्राम अभनपुर एवं छाछनपैरी में नीलाम करके 2 करोड 10 लाख रुपए जुटाए। इस तरह कुल 2 करोड़ 56 लाख 85 हजार 102 रुपए जुटाए गए हैं।
दुर्ग के निवेशन की शिकायत पर शुरु हुई कार्रवाई
एएसपी सिटी संजय ध्रुव ने बताया कि 6 अप्रैल 2016 को शंकर नगर दुर्ग निवासी संतोष सोनी ने चिटफंड कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने शुष्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, साइनिंग स्टार में पैसा जमा कराया था लेकिन कुछ दिन बाद कम्पनी फरार हो गई। निवेशक की शिकायत के बाद दुर्ग के थाना मोहन नगर में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। कंपनी का मुख्य ब्रांच उज्जैन (म.प्र) में था। कंपनी के डायरेक्टर्स ने लोगों को 6 वर्ष में रकम दोगुना करने का लालच देकर करोड़ों रुपए का निवेश कराया था।
आठ डायरेक्टर्स हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस ने टिचफंड कंपनी के सभी 8 डॉयरेक्टर को मामले की जांच के बाद गिरफ्तार किया। सभी नें पार्टनशिप कर यह काम शुरू किया था। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जांच के दौरान कंपनी के स्वामित्व वाली संपत्ति रायपुर जिले के ग्राम अभनपुर एवं छाछनपैरी, जिला महासमुंद अंतर्गत ग्राम मोरधा एवं जिला बलौदाबाजार अंतर्गत ग्राम बलौदाबाजार में स्थित संपत्तियों को चिह्नित किया गया था। इसके बाद पुलिस अधीक्षक दुर्ग ने 16 मार्च 2017 को कुर्की के लिए अंतरिम आदेश जारी करने प्रतिवेदन जिला कलेक्टर दुर्ग को भेजा था।
साल 2019 में जारी हुआ था कुर्की का आदेश
कम्पनी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कम्पनी के सभी ठिकानों की जांच की जिसके बाद आरोपियों के बताए अनुसार सभी सम्पतियों की पहचान किया गया। एएसपी ने बताया कि 26 अक्टूबर 2017 को संबंधित कंपनी की संपत्तियों को कुर्क किये जाने का अंतरिम आदेश विशेष न्यायालय जिला दुर्ग से जारी हुआ था। इसके बाद इस पर अंतिम आदेश कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी दुर्ग ने 8 अप्रैल 2019 को पारित किया। इसके बाद 21 मई 2019 को कुर्की की कार्रवाई करने के लिए सभी कलेक्टरों को पत्र भेजा गया।